मध्य प्रदेश के झाबुआ में जिला निर्वाचान कार्यालय ने लोगों को प्रेरित करने के लिए शराब की बोतलों को ही अपना ब्रांड एंबेस्डर बना दिया। वह भी उस जिले में जहां अक्सर मतदान में वोट पाने के लिए शाराब बांटने का मामला बहुत ज्यादा सामने आता है।
अभी तक सुनने में आता था की चुनाव के दौरान प्रत्याशी अपने पक्ष में मतदाताओं को रिझाने के लिए शराब बांटते थे। चुनाव आयोग इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानता था और इसे रोकने का प्रयास करता था। लेकिन मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में जिला निर्वाचन कार्यालय ठीक इसके उलट कर रहा है जिसे सुन कर आप हैरान हो जाएंगे।
मध्य प्रदेश के झाबुआ में जिला निर्वाचान कार्यालय ने लोगों को प्रेरित करने के लिए शराब की बोतलों को ही अपना ब्रांड एंबेस्डर बना दिया। दरअसल यहा पर आदिवासी बहुल्य झाबुआ जिले में शराब की बोटल को ही जिला निर्वाचन अधिकारी ने ब्रान्ड ऐम्बेसडर बना दिया। वह भी उस जिले में जहां अक्सर मतदान में वोट पाने के लिए शाराब बांटने का मामला बहुत ज्यादा सामने आता है।
झाबुआ जिले की लाईसेन्सी 37 शराब दुकानों से बिकने वाली शराब की बोतलों पर निर्वाचन आयोग ने एक स्टिकर लगा रखा है। स्टिकर पर स्थानिय बोली में लिखा है कि जिला झाबुआ हंगला वोट जरूरी है बटन दबावा नू वोट नाखवा नू, निचे निवेदक के रुप में जिला निर्वाचन अधिकारी झाबुआ लिखा है।
इसका मतलब होता है सभी वोट जरूरी है बटन दबाना है वोट डालना है। इस प्रकार की लेबल लगी ये शराब की बोटले शराब के शौकीनों को दुकानों से शराब लेने पर दी जा रही है। प्रशासन की इस पहल का कितना असर होगा यह तो पता नहीं लेकिन शराब की बोतलों से मतदान के प्रति जागरूता की यह पहल निर्वाचन आयोग पर ही सवाल खड़े करती है।