छत्तीसगढ़ में नौकरशाहों को हर महीने दी जाती थी घूस!

Published : Mar 04, 2020, 06:48 AM IST
छत्तीसगढ़ में नौकरशाहों को हर महीने दी जाती थी घूस!

सार

हालांकि राज्य की कांग्रेस सरकार का दावा है कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार की छवि को खराब करने के लिए आयकर विभाग की मदद ले रहा है। क्योंकि आयकर विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात एक उपसचिव के कार्यालय और घर पर छापे मारे हैं। जिसको लेकर इस मामले ने राजनैतिक रंग ले लिया है।

रायपुर। आयकर विभाग का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कई नौकरशाहों को हर महीने घूस दी जाती है। क्योंकि आयकर विभाग को छापेमारी में जो दस्तावेज बरामद हुए हैं। उसके मुताबिक राज्य में कई नौकरशाहों को हर महीने मोटी रकम घूस में मिलती है। इन अफसरों के नोटबंदी के दौरान बड़े बेनामी लेनदेन का पता चला है।

हालांकि राज्य की कांग्रेस सरकार का दावा है कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार की छवि को खराब करने के लिए आयकर विभाग की मदद ले रहा है। क्योंकि आयकर विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात एक उपसचिव के कार्यालय और घर पर छापे मारे हैं। जिसको लेकर इस मामले ने राजनैतिक रंग ले लिया है। आयकर विभाग के छापे के दौरान डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की बेनामी लेनदेन का पता चला है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

लेकिन आयकर विभाग जल्द ही इन लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करेगा। फिलहाल आयकर विभाग की छापेमारी से छत्तीसगढ़ प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि छापेमारी मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया के घर पर भी की गई है। आयकर विभाग ने इसके अलावा छापे मुख्य सचिव व छत्तीसगढ़ रेरा के चेयरमैन अनिल टुटेजा और उनकी पत्नी मीनाक्षी, आबकारी विभाग के ओएसडी एपी त्रिपाठी के ठिकानों पर की गई है। आयकल विभाग का दावा है कि इलेक्ट्रानिंक डाटा के मुताबिक इन अफसरों के वहां पर छापेमारी की गई है और इसमें इस  बात की पुष्टि हुई है कि इन अफसरों को हर महीने नियमित तौर पर रिश्वत दी जाती थी।

इन अफसरों को ये रकम शराब और खदान धंधे में मिलती थी। आयकर विभाग का दावा है कि रकम का आदान प्रदान हवाला के जरिए किया गया है। विभाग का दावा है कि काले धन को सफेद करने के लिए अफसरों ने अपने कर्मचारियों नाम पर खाते खोले हैं। हालांकि आयकर विभाग की छापेमारी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया के पति सौरव मोदी का नाम आने के बाद इसने राजनैतिक रूप ले लिया है। क्योंकि सौम्या सीएम कार्यालय में तैनात है।

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