पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की पोती ने कहा, भारतीय पायलट को रिहा करे पाक सरकार

By Team MyNation  |  First Published Feb 28, 2019, 12:44 PM IST

भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की पाकिस्तान के कब्जे में दावों की खबरों के बीच पाकिस्तान के रहे की पोती ने पाकिस्तान सरकार से पायलट को तुंरत भारत को सौंपने को कहा है। 

भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की पाकिस्तान के कब्जे में दावों की खबरों के बीच पाकिस्तान के रहे की पोती ने पाकिस्तान सरकार से पायलट को तुंरत भारत को सौंपने को कहा है। पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे हैं और उनकी पोती और लेखिका फातिमा भुट्टो इमरान खान सरकार से भारतीय वायुसेना के उस पायलट को रिहा करने को कहा है।

असल में बुधवार को पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने पायलट अभिनंदन वर्धमान को पकड़ लिया है। जबकि भारतीय वायुसेना ने दावा किया कि पाकिस्तानी विमानों को पीछा करते हुए उसका एक विमान गुम हो गया है। हालांकि अभी तक पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को वर्धमान को अपने कब्जे में लेने के कोई सबूत नहीं दिए हैं।

उधर पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ जमकर माहौल बना हुआ है। उनके सहयोगी रहे वसीम अकरम ने भी कहा है कि भारत पाकिस्तान का दुश्मन नहीं है बल्कि आंतकवाद दोनों देशों के लिए बड़ा दुश्मन है।  गौरतलब है कि जुल्फिकार अली भुट्टो 1973 से  1977 तक पाकिस्तान के पीएम रहे हैं।

I and many other young Pakistanis have called upon our country to release the captured Indian pilot as a gesture of our commitment to peace, humanity and dignity. My piece in https://t.co/Vmd7EWlDvX

— fatima bhutto (@fbhutto)

उधर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की पोती फातिमा भुट्टो ने न्यूयार्क टाइम्स के लेख में लिखा है कि भारतीय पायलट को रिहा कर दिया जाए, जिसे पकड़ा गया है। उन्होंने लिखा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु सैन्य शक्ति वाले देश हैं। हमारी(पाकिस्तान की) सेना 1965, 1971 और 1999 युद्ध का सामना कर चुकी है। इन युद्धों के बीच सैकड़ों बार झड़पें हुई हैं, सीमा पार से हमले और आतंकवाद को गुप्त समर्थन के आरोप लगे हैं।

फातिमा ने लिखा है कि उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि कैसे लोग अपने सोशल एकाउंट्स पर और जगह—जगह प्रदर्शन कर युद्ध जैसी स्थिति को सेलिब्रेट कर रहे हैं। फातिमा शांति का समर्थन करते हुए लिखती हैं कि उनकी पीढ़ी के नौजवानों ने पाकिस्तान में बोलने के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है और सबसे जरुरी चीज 'शांति' के लिए आवाज उठाते हुए उन्हें कोई डर नहीं। 
 

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