छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के किसान कर रहे हैं कांट्रेक्ट फार्मिंग, ढाई गुना बढ़ी आय

असल में राज्य में निजी क्षेत्र की कंपनियां किसानों से अनुबंध कर जहां उनकी आय बढ़ा रही हैं। वहीं खुद भी ग्राहकों तक बेहतर उत्पादों को पहुंचाकर मुनाफा कमा रही है।  ये कंपनियों किसानों को बीज-खाद के साथ ही तकनीकी सहायता तक दे रही है।

Farmers of Durg district of Chhattisgarh are doing contract farming, income increased by 2 and a half times

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के किसान अनुबंध खेती के जरिए अपनी भविष्य संवार रहे हैं। किसान निजी कंपनियों से करार कर रहे हैं इससे उनकी आय में ढाई गुना तक  इजाफा हो रहा है।  अब ये किसान जिले और राज्य के दूसरे किसानों के लिए नजीर बनते जा रहे हैं। दुर्ग के अलावा बालोद व धमतरी जिले में किसान करीब 5 हजार एकड़ और पूरे प्रदेश में लगभग 20 हजार एकड़ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर रहे हैं। इससे किसानों को फायदा हो रहा है।  वहीं वीएनआर सीड्स, बायनियर, टाटा, बायर, माइको  जैसी बड़ी कंपनियां किसानों से करार कर रही हैं।

असल में राज्य में निजी क्षेत्र की कंपनियां किसानों से अनुबंध कर जहां उनकी आय बढ़ा रही हैं। वहीं खुद भी ग्राहकों तक बेहतर उत्पादों को पहुंचाकर मुनाफा कमा रही है।  ये कंपनियों किसानों को बीज-खाद के साथ ही तकनीकी सहायता तक दे रही है। ताकि किसान आधुनिक तरीके से खेती कर सके।  वहीं ये कंपनियों किसानों से करार  कर धान छह से सात हजार रपये क्विंटल तक खरीद रही है जबकि आमतौर पर बाजार में किसान को मुश्किल से डेढ़ हजार रपये क्विंटल मूल्य मिलता है।

फिलहाल कंपनियों के साथ करार करने वाले किसान खुश हैं। क्योंकि उन्हें भी आधुनिक तकनीक का ज्ञान मिल रहा है और इसके जरिए वह खेती कर नई मिशाल कायम कर रहे हैं। किसानों के मुताबिक फसल सीजन के काफी पहले ही बीज कंपनियां गांवों में पहुंचकर किसानों के साथ अनुबंध कर रही है और उनके तकनीकी विशेषज्ञ किसानो को फसल को लेकर जानकारी देते रहते हैं। कंपनी के प्रतिनिधि नियमित दौरा करते हैं और फसल तैयार होने के बाद तौल के आधार पर किसानों के खाते में भुगतान कर दिया जाता है।

दुर्ग जिले के किसानों का कहना है कि  कंपनियों से अनुबंध खेती कर उनकी आमदनी में ढाई गुना में इजाफा हुआ है और ये किसान अब दूसरों के लिए नजीर बन रहे हैं। राज्य के कई जिलों में किसान कांट्रेक्ट खेती कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अनुबंध वाली फसल में प्रति एकड़ 12 से 15 क्विंटल तक धान का उत्पादन होता है। छह हजार रुपये क्विंटल की दर भी मिलती है। अब किसान को 72 से 90 हजार रुपये मिल जाते हैं।

 जबकि आम  तौर पर उन्हें 30 से 33 हजार रुपये ही आमदनी होती थी। अब उनके मुनाफे में ढाई गुना तक इजाफा हुआ है।  दुर्ग जिले के ग्राम बेलौदी के किसान लेखराम साहू का कहना है कि वह चार साल से अनुबंध खेती कर रहे हैं और पिछले साल तीन एकड़ में अनुबंध खेती की थी। फसल का कुल 33 क्विंटल का उत्पादन हुआ और कंपनी ने  72,00 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा। जिसके कारण उनके मुनाफे में इजाफा हुआ।
 

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