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आतंकियों को भी समझ में आ गई है ‘जन्नत की हकीकत’

Published : Apr 01, 2019, 12:35 PM ISTUpdated : Apr 01, 2019, 03:52 PM IST
आतंकियों को भी समझ में आ गई है ‘जन्नत की हकीकत’

सार

कश्मीर में कट्टरपंथी वहां के युवाओं को जन्नत के सपने दिखाकर आतंकवाद की गोद में धकेल रहे हैं। पुलवामा में हुए बहुचर्चित हमले में मारा गया आदिल अहमद डार भी जन्नत में मिलने वाली काल्पनिक 72 हूरों के चक्कर में आत्मघाती बना था। लेकिन अब कश्मीरी युवाओं का भरोसा मौलवियों की इस मनगढ़ंत हूरों की कहानी से उठता दिख रहा है। यही वजह है कि परसों बनिहाल में जो आतंकवादी बम धमाका करने आया था। वह विस्फोट होने के पहले ही भाग खड़ा हुआ।    

जम्मू कश्मीर के बनिहाल में फिर से एक आतंकवादी ने कार बम धमाका करके सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाने की साजिश रची थी। 

बनिहाल में जवाहर टनल के पास पुलवामा में हुए हमले की तर्ज पर कार बम धमाका करने की साजिश रची गई थी। पहले की ही तरह विस्फोटकों से लदी कार का इंतजाम किया गया और इस बार धमाका करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी आतंकवादी ओवैस अमीन को। 

अमीन को कश्मीर के कट्टरपंथी मौलानाओं ने आदिल डार की तरह आत्मघाती हमला करने के लिए राजी कर लिया था। इसके लिए बकायदा उसने सुसाइड नोट भी तैयार कर लिया था। 
जिसमें उसने लिखा था कि वह कश्मीरियों पर हो रहे कथित जुल्म का बदला लेना चाहता है। इसके लिए उसने खुद को बारूद के साथ उड़ाने का प्लान बनाया था। दो पन्नों के अपने सुसाइड नोट में आतंकी ओवैस अमीन ने पैलेट गन का भी जिक्र किया है। 

आतंकी ओवैस ने अपने पत्र में पुलवामा में हुए आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार की ही तरह लिखा है कि जबतक आप लोग यह पत्र मिलेगा तबतक मैं अल्लाह की जन्नत में मजे कर रहा होऊंगा।

उसका सुसाइड नोट विस्फोटकों से लदी कार में मिला है। ओवैस का इरादा कार के साथ खुद को भी उड़ा लेने का था। लेकिन ऐन मौके पर उसकी हिम्मत जवाब दे गई। वह विस्फोट होने से पहले ही कार छोड़कर भाग गया। जिसकी वजह से बनिहाल में सुरक्षा बलों को कोई क्षति नहीं हुई। 

यह भी पढ़िए- बनिहाल में सीआरपीएफ काफिले पर हमला, कार में हुआ था धमाका लेकिन ड्राइवर था गायब

यह वाकया दर्शाता है कि जम्मू कश्मीर के युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें आतंकी बनाने की मुहिम अब कमजोर पड़ती जा रही  है। कट्टरपंथी मौलाना अक्सर इन युवाओं को जन्नत में मिलने वाले कथित मजे के बारे में बहकाते तो हैं। लेकिन अब आतंकियों का भरोसा उनकी काल्पनिक कहानियों पर से उठने लगा है। जिसकी वजह से वह उनके बहकावे से बाहर आ रही है। 

ओवैस अमीन एक सी ग्रेड आतंकवादी था। उसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। वह 5 अप्रैल 2018 को हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था।

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