फिल्म स्टार सनी देयोल भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गुरदासपुर से सांसद हैं। लेकिन लोगों का कहना है कि जब से वह सांसद बने हैं वह अपने संसदीय क्षेत्र में नहीं आए हैं। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उनकी गुमशुदगी के पोस्टर पठानकोट में चस्पा कर दिए हैं। स्थानीय लोग उनकी गुमशुदगी के पोस्टर लगाकर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।
नई दिल्ली। गुरदासपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और फिल्म स्टार सनी देयोल गायब है। जिसके बाद गुरदासपुर और पठानकोट में सनी देयोल की गुमशुदगी के पोस्टर लगे हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद सनी देओल ने अपने संसदीय क्षेत्र का एक भी दिन दौरा नहीं किया है। जबकि उनकी कई तरह की समस्याएं हैं। जिसका निवारण नहीं हो रहा है। हालांकि इससे पहले सनी देयोल के पिता धर्मेन्द्र के बीकानेर के सांसद रहते हुए वहां पर भी पोस्टर लग चुके हैं। जबकि सनी देयोल की सौतेली मां हेमा मालिनी अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा में काफी सक्रिय हैं।
फिल्म स्टार सनी देयोल भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गुरदासपुर से सांसद हैं। लेकिन लोगों का कहना है कि जब से वह सांसद बने हैं वह अपने संसदीय क्षेत्र में नहीं आए हैं। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उनकी गुमशुदगी के पोस्टर पठानकोट में चस्पा कर दिए हैं। स्थानीय लोग उनकी गुमशुदगी के पोस्टर लगाकर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सांसदी का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने एक भी दिन अपने संसदीय क्षेत्र और प्रदेश का दौरा नहीं किया है।
लोगों ने पठानकोट के रेलवे स्टेशन पर सन्नी देओल की गुमशुदगी के पोस्टर लगाए। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सनी देओल को चुनाव में जितवा कर लोकसभा में भेजा गया था और उनसे उम्मीद थी कि वह अपने लोगों के बीच रह कर उनकी समस्याओं का निदान करेंगे। लेकिन वह यहां पर आए ही नहीं। क्योंकि वह वह मुंबई से हैं। लोगों का कहना है कि गुरदासपुर और पठानकोट में कई समस्याएं हैं। पानी से लेकर सड़क और बेरोजगारी की समस्या है।
उन्हें उम्मीद थी कि सनी देयोल जनता के लिए काम करेंगे। लेकिन वह अपने क्षेत्र से ही गायब हैं। अब लोग ठगा महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि शायद उन्हें कोई इसकी जानकारी दे और वह यहां आकर उनकी समस्याओं को सुनें। गौरतलब है कि सनी देयोल के पिता जब बीकानेर से भाजपा के सांसद थे तो उनके लिए भी पोस्टर लगाए गए थे। क्योंकि वह अपने संसदीय क्षेत्र में जाते ही नहीं थे।