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White Paper: कोयला घोटाले से लेकर महंगाई तक, जानिए UPA सरकार पर जारी 'श्वेत पत्र' की 10 खास बातें

Rajkumar Upadhyaya |  
Published : Feb 08, 2024, 10:22 PM IST
White Paper: कोयला घोटाले से लेकर महंगाई तक, जानिए UPA सरकार पर जारी 'श्वेत पत्र' की 10 खास बातें

सार

White Paper: लोकसभा चुनावों के पहले मोदी सरकार ने यूपीए काल की नाकामियों की लिस्ट जारी की तो देश की सियासत में हलचल मच गई। बीजेपी चुनाव दर चुनाव कांग्रेस को लगातार मात दे रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि देश के चुनावी इतिहास में कांग्रेस सबसे बुरे दौर से गुजर रही है और बीजेपी उसे लगातार परास्त कर उबरने नहीं दे रही है।

White Paper: लोकसभा चुनावों के पहले मोदी सरकार ने यूपीए काल की नाकामियों की लिस्ट जारी की तो देश की सियासत में हलचल मच गई। बीजेपी चुनाव दर चुनाव कांग्रेस को लगातार मात दे रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि देश के चुनावी इतिहास में कांग्रेस सबसे बुरे दौर से गुजर रही है और बीजेपी उसे लगातार परास्त कर उबरने नहीं दे रही है। अब श्वेत पत्र जारी कर एक बड़ा दांव चला है। बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में श्वेत पत्र लाने का ऐलान किया था। मनमोहन सिंह सरकार के 10 साल पर पेश श्वेत पत्र में उनकी नाकामियों का ढिंढोरा पीटा गया है।

आइए जानते हैं श्वेत पत्र की 10 खास बातें

1. संसद में पेश श्वेत पत्र में कहा गया है कि यूपीए सरकार के समय बैंकिंग सिस्टम कमजोर स्थिति में था। रुपये में भारी गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी हुई थी। भारी कर्ज लेने के अलावा राजस्व का गलत इस्तेमाल किया गया। 

2. यूपीए सरकार ने देश की आर्थिक नींव को कमजोर किया। उनके द्वारा पैदा की गई बाधाओं के कारण इकोनॉमी रूक सी गई। यूपीए सरकार ने दीर्घकालिक आर्थिक परिणामों की अधिक चिंता किए बिना तेज आर्थिक विकास का शोषण करना शुरू कर दिया। नतीजातन बुरे ऋणों का पहाड़ खड़ा हो गया। मुद्रास्फीति की स्थिति 5 वर्षों तक 2 अंकों की बनी। इसका असर यह पड़ा कि देश दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में गिना जाने लगा।

3. यूपीए सरकार ने इकोनॉमी को इस तरह लूटा कि उद्योगपतियों ने कहा कि वह विदेश में निवेश करना पसंद करेंगे। उस समय दुनिया का भारत की गतिशीलता से भरोसा उठ गया था। अब हम अपनी विकास की संभावनाओं से दूसरों में आशा जगाते हैं।

4. श्वेत पत्र में कहा गया है कि यूपीए सरकार को जुलाई 2012 में इतिहास की सबसे बड़ी बिजली कटौती के लिए याद किया जाएगा। जिसकी वजह से 62 करोड़ लोग अंधकार में चले गए। राष्ट्रीय सुरक्षा तक खतरे में पड़ गई थी।

5. यूपीए सरकार द्वारा शुरु की गई 80:20 स्वर्ण निर्यात-आयात योजना इस बात की मिसाल है कि कैसे सरकारी प्रणालियों और प्रक्रियाओं को तोड़-मरोड़ कर अवैध आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए विशेष हितों की पूर्ति की गई।

6. श्वेत पत्र में यूपीए काल के दौरान के राष्ट्रमंडल खेल, कोयला ब्लाक आवंटन, 2जी घोटाला, कोलगेट घोटाला, शारदा चिटफंड, आईएनएक्स मीडिया केस, एंट्रिक्स-देवास डील, नौकरी के लिए जमीन, पंचकूल और गुड़गांव में प्राइम लैंड का आवंटन, जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन, एम्ब्रेयर डील, पिलाटस बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट, हॉक विमान खरीद, आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले का भी जिक्र किया गया है।

7.श्वेत पत्र में कहा गया है कि दुनिया भर के निवेशकों ने व्यापार करने में आसानी की मांग की, वहीं यूपीए सरकार ने नीतिगत अनिश्चितता और परेशानी पैदा की।

8. श्वेत पत्र में कहा गया है कि यूपीए सरकार के अंतर्गत निवेश के माहौल को हतोत्साहित करने के कारण घरेलू निवेशक विदेश चले गए।

9. यूपीए सरकार के आर्थिक और राजको​षीय अव्यवस्था ने अंतत: अपने कार्यकाल के अंत तक भारत की विकास क्षमता को खोखला कर दिया था।

10. खराब नीति नियोजन और निष्पादन के परिणामस्वरूप यूपीए के वर्षों के दौरान सामाजिक क्षेत्र की कई योजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में धन खर्च नहीं किया गया।

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