फ्रांस के इस्त्रे-ले-ट्यूब एयरबेस पर राफेल के इंजन का परीक्षण किया गया। इसके सस्पेंशन सिस्टम और टायरों को भी परखा गया।
राफेल का अर्थ होता है तूफान। इस फाइटर जेट को लेकर भारत की सियायत में भी तूफान आया है। इस बीच भारत को राफेल की डिलीवरी का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। अगले साल यह विमान भारत को मिलने लगेगा। कैसा है भारत को मिलने वाला राफेल, ये उत्सुकता बढ़ती जा रही है। इस बीच, विमान की निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने भारत को मिलने वाले विमान की पहली तस्वीरें और वीडियो जारी किया है।
फ्रांस के इस्त्रे-ले-ट्यूब एयरबेस पर राफेल के इंजन का परीक्षण किया गया। इसके सस्पेंशन सिस्टम और टायरों को भी परखा गया। इसके बाद इसकी तकनीकी प्रणाली की भी जांच की गई। तकनीकीकर्मियों और इंजीनियरों की देखरेख में अंत में राफेल ने आसमान में उड़ान भरी।
राफेल लड़ाकू विमान में कई खासियतें जो इसे दूसरे फाइटर जेट से अलग करती हैं। दो इंजन वाला यह फाइटर जेट 2,130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। यही नहीं राफेल करीब 3700 किलोमीटर के दायरे में खड़े दुश्मन को कहीं भी नेस्तनाबूद कर सकता है।
फ्रांस के एक एयरबेस पर भारतीय वायुसेना को मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमानों के बेड़े के पहले विमान का परीक्षण किया गया है। विमान को रनवे पर उतारकर और उड़ाकर देखा गया।
: First look of the jet for the Indian Air Force, from the Istre-Le Tube airbase in France pic.twitter.com/Qv4aJdgjI7
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36 हजार से 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। यह फाइटर जेट करीब 24,500 किलोग्राम तक वजन के साथ उड़ान भरने और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए डील हुई है। ये विमान सितंबर 2019 से भारत आने शुरू हो जाएंगे। यह परमाणु बम गिराने में भी सक्षम है। इसमें खास इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम भी लगा है, जिससे जरिये दुश्मनों का पता लगाया जा सकता है। यह उनके रडार को जाम भी कर सकता है।