फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों के सौदे को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमले कर रहे हैं। इस बीच राफेल लड़ाकू विमान को बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने राहुल के आरोपों खारिज कर दिया है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई के दिए साक्षात्कार में इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। 

ट्रैपियर ने दावा किया है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकोइस होलांदे ने दसॉल्ट-रिलायंस संयुक्त उपक्रम में ऑफसेट ठेके को लेकर झूठ बोला। उन्होंने कहा, 'मैं झूठ नहीं बोलता। मेरी छवि झूठ बोलने की नहीं है। मैं पहले जो कहा, जो बयान दिया, वह सच है। सीईओ के पद पर होते हुए आप झूठ नहीं बोल सकते।' 

दसॉल्ट ने किया रिलायंस का चुनाव

उन्होंने कहा कि रिलायंस का चुनाव दसॉल्ट ने ही किया। हमारे रिलायंस के अलावा 29 अन्य ऑफसेट पार्टनर हैं। हमने 30 कंपनियों के साथ करार किया है, जो कांट्रैक्ट के मुताबिक, 40 प्रतिशत ऑफसेट हिस्सा है। इसमें रिलायंस का हिस्सा 10 प्रतिशत है। बाकी का 30 प्रतिशत अन्य कंपनियों के साथ है।' उन्होंने कहा कि ऑफसेट के लिए दसॉल्ट के पास तीन साल का समय है। 

नौ प्रतिशत कम दाम में दे रहे भारत को 

ट्रैपियर ने राफेल की कीमत को लेकर मोदी सरकार के दावे की पुष्टि करते हुए कहा कि यह भारत को 9 प्रतिशत सस्ता मिला है। उन्होंने कहा, 'जब आप 18 उड़ने के लिए तैयार विमान की कीमत से तुलना करते हैं तो 36 का दाम भी वही है। 18 का दोगुना 36 होता है। इसलिए यह रकम भी दोगुनी होनी चाहिए थी। क्योंकि यह दो सरकारों के बीच हुआ सौदा है, इसलिए कीमत पर मोलभाव हुआ। हमें इसकी कीमत 9 प्रतिशत कम करनी पड़ी।'

राजनीति से प्रेरित है राफेल विवाद

ट्रैपियर ने कहा कि मुझे पता है कि राफेल डील पर विवाद हो रहा है। यह राजनीति से प्रेरित हो सकता है। उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि कुछ विवाद है। मैं जानता हूं कि यह घरेलू सियासत है। कई देशों में चुनावों के दौरान ऐसा होता है। मेरे लिए सच महत्वपूर्ण है। सच यह है कि ये एक साफ सौदा है। भारतीय वायुसेना भी इस सौदे से खुश है।'

पहला सौदा नेहरू के साथ किया था

दसॉल्ट के सीईओ ने कहा कि कांग्रेस द्वारा उन पर और कंपनी पर लगाए गए आरोपों से वह दुखी है। उन्होंने कहा, 'हमारा कांग्रेस पार्टी के साथ लंबा अनुभव है। हमारी 1953 में भारत के साथ हुई डील भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू के साथ थी। हम तब से भारत के साथ काम कर रहे हैं। हम किसी पार्टी के लिए काम नहीं करते हैं। हम भारतीय वायु सेना और भारत सरकार को लड़ाकू विमान जैसे रणनीतिक उत्पादों की आपूर्ति करते हैं। यह सबसे ज्यादा जरूरी है।'

उधर, दसॉल्ट सीईओ के इस साक्षात्कार के बाद 'डिक्टेटेड इंटरव्यू' बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा कि 'तय इंटरव्यू' और 'बनावटी झूठ' राफेल सौदे को नहीं दबा सकता।