भारत में पहली बार छोटे-मोटे क्राइम के लिए कम्युनिटी सर्विस का प्रस्ताव रखा गया है। यह कम्युनिटी सर्विस छोटे अपराधों के लिए सजा भी दे सकती है। इससे कोर्ट पर मुकदमों का बोझ कम हो सकेगा।
Community Service India. भारत में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब छोटे-मोटे अपराधों के मुकदमें कोर्ट में जाने की बजाय स्थानीय स्तर पर कम्युनिटी सर्विस द्वारा ही सुलझा दिए जाएंगे। यह सेवा शुरू होती है तो भारत भी अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडेन जैसे विकसित देशों की कतार में शामिल हो जाएगा। जहां यह नियम सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। यह कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है, बशर्ते इसका इंप्लीमेंटेशन सही तरीके से किया जाए।
केंद्र सरकार ने रखा सामुदायिक सेवा का प्रस्ताव
पहली बार केंद्र सरकार ने भारत में छोटे अपराधों के लिए सजा देने के लिए सामुदायिक सेवा का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 पेश किया, जिसमें इस प्रस्ताव को शामिल किया गया है। इससे पहले आईपीसी कानून के तहत मौत, आजीवन कारावास, कठोर कारावास, साधारण कारावास, संपत्ति की जब्ती और जुर्माने के रूप में दंड का प्रावधान था। अब इस लिस्ट में सामुदायिक सेवा भी जुड़ गई है।
किन अपराधों में काम करेगा कम्युनिटी सर्विस
रिपोर्ट्स की मानें तो प्रस्तावित कानून आत्महत्या के प्रयास, अवैध रूप से व्यापार में लगे सरकारी कर्मचारियों, 5,000 रुपए से कम की संपत्ति की चोरी, सार्वजनिक तौर पर नशा करने और मानहानि जैसे मामलों को सामुदायिक सेवा के जरिए सुलझाने का सुझाव देता है। इसे किसी दलील के एक हिस्से के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। परिवीक्षा की स्थिति के रूप में या फिर दंड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। सामुदायिक सेवा प्रायश्चित करने का मौका देती है। साथ ही नागरिक जिम्मेदारी की आदतों को बढ़ावा देने का प्रयास करती है।
सामुदायिक सेवा पश्चिमी देशों में आम है
पश्चिमी न्यायिक प्रणाली में विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका में सामुदायिक सेवा एक सामान्य दंड प्रक्रिया की तरह काम करता है। यह ऐसे मामलों में ज्यादा कारगर है, जिसमें हिरासत में लेने या फिर गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सामुदायिक सेवा का सबसे प्रचलित उदाहरण है सफाई भूमिकाएं हैं। जिनमें सार्वजनिक स्थानों से कचरा उठाने, दीवारों से चित्र हटाने या फिर सार्वजनिक सुविधाओं का रखरखाव तक शामिल हो सकता है।
शैक्षिक और जागरूकता कार्यक्रम
इस सर्विस के लिए बार-बार जागरूकता फैलाने और लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता है। अपराधियों को नशीली दवाओं या अल्कोहल के बारे में जानकारी, गुस्से पर कंट्रोल करने के तरीके, सुरक्षित ड्राइविंग कोर्स जैसे जरूरी प्रशिक्षण भी दिए जा सकते हैं। इसके अलावा सामुदायिक सेवा में दान कार्य भी शामिल है। इसमें बेघर आश्रयों या खाद्य बैंकों में स्वयंसेवा से लेकर अस्पतालों या धर्मशालाओं में सहायता करना शामिल हो सकता है।
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