घोल मछली ने बदली मुंबई के मछुआरे भाइयों की किस्मत, साढ़े पांच लाख की लगी बोली

By Team Mynation  |  First Published Aug 7, 2018, 12:05 PM IST

मुंबई के पालघर के दो भाई अचानक लखपति बन गए। इन भाइयों का अंदाजा भी नहीं था कि उनकी किस्मत अचानक से बदल गाएगी। रोज की तरह वो समुद्र में मछली पकड़ने गए थे कि अचानक उनके जाल में घोल मछली फंस गई।
 

दुनिया भर में मशहूर घोल मछली को वो बाजार में बेचने गए तो वह 5.5 लाख में बिकी।आस-पास के लोगों के अनुसार बहुत दिनों के बाद यहां किसी को घोल मछली मिली।

मुंबई का मछुआरा महेश अपने भाई के साथ शुक्रवार को मछली पकड़ने गया था। मुछली पकड़ने के दौरान मुर्बे तट पर उनको अपना जाल भारी लगा। उन्होंने देखा तो पाया कि उनके जाल में घोल मछली फंसी थी। मछली लगभग 30 किलोग्राम की थी। पकड़ी गई घोल फिश की खबर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई।


दोनों भाइयों ने सोमवार को मछली को बेचने के लिए बोली लगाई। मछली खरीदने के लिए व्यापारियों की लंबी लाइन लगी थी। बोली बीस मिनट तक चली और और मछली को 5.5 लाख रुपये में खरीदा गया।
ये मछली खाने में स्वादिष्ट होने के साथ इसमें चमत्कारी औषधीय गुण पाए जाते हैं। पूर्वी एशिया में इसकी कीमत बहुत ज्यादा है। यहां तक कि घोल को 'सोने के दिल वाली मछली' के रूप में भी जाना जाता है। बाजार में अलग-अलग मछली की अलग-अलग कीमतें होती हैं। मछुआरे महेश ने उसे सबसे ऊंची कीमत पर बेचा।


घोल मछली मुख्यत: सिंगापुर, मलयेशिया, इंडोनेशिया, हॉन्ग-कॉन्ग और जापान में निर्यात की जाती है। सबसे सस्ती घोल मछली की कीमत भी 8,000 से 10,000 तक होती है। मई में भी भायंदर के एक मछुआरे ने एक मंहगी घोल पकड़ी थी जो 5.16 लाख रुपये में बिकी थी।


घोल मछली का उपयोग दवा बनाने वाली कंपनियां भी करती हैं। इसकी त्वाचा में हाई क्वालिटी वाला मज्जा पाया जाता है। इस मज्जा को दवाओं के अलावा पोष्टिक आहार, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने में प्रयोग किया जाता है। बीते कुछ सालों में इस मछली के उत्पादों की दुनिया भर में मांग बढ़ी है। यहां तक कि घोल का महंगा कमर्शियल उपयोग भी होता है। 
 

click me!