नवाज शरीफ का इलाज लाहौर के सर्विसेज अस्पताल में चल रहा है। जहां उन्हें दिल का दौरान पड़ा है और उन्हें डॉक्टरों ने निगरानी में रखा गया है। हालांकि नवाज की तबीयत बिगड़ने को लेकर पाकिस्तान में तरह तरह की अफवाहें चल रही हैं। क्योंकि लोगों का कहना है कि इमरान खान सरकार के कारण ही नवाज शरीफ की तबीयत बिगड़ी है। वहीं कुछ लोग इसे आजादी मार्च से भी जोड़ रहे हैं। जिसे नवाज शरीफ की पार्टी ने समर्थन दिया है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में इमरान खान सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। क्योंकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दिल का दौरा पड़ा है। जबकि नवाज शरीफ के बेटे ने इमरान खान सरकार पर आरोप लगाया है कि उनके पिता को जहर दिया गया है। ताकि पाकिस्तान में इमरान खान का विरोध खत्म हो जाए। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को उनके पिता के साथ रहने की इजाजत दी है।
नवाज शरीफ का इलाज लाहौर के सर्विसेज अस्पताल में चल रहा है। जहां उन्हें दिल का दौरान पड़ा है और उन्हें डॉक्टरों ने निगरानी में रखा गया है। हालांकि नवाज की तबीयत बिगड़ने को लेकर पाकिस्तान में तरह तरह की अफवाहें चल रही हैं। क्योंकि लोगों का कहना है कि इमरान खान सरकार के कारण ही नवाज शरीफ की तबीयत बिगड़ी है। वहीं कुछ लोग इसे आजादी मार्च से भी जोड़ रहे हैं। जिसे नवाज शरीफ की पार्टी ने समर्थन दिया है।
फिलहाल नवाज शरीफ के लंदन में रह रहे बेटे ने इमरान खान सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके पिता का जहर दिया है। हालांकि नवाज शरीफ का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने इसे माइनर अटैक बताया है। लेकिक डॉक्टरों ने साफ कहा कि इसकी गंभीरता का पता सभी रिपोर्ट के आने के बाद चलेगा। असल में भ्रष्टाचार के मामले में सजा काट रहे नवाज शरीफ की तबीयत जेल में ही बिगड़ गई थी और इसके लिए नवाज शरीफ ने इलाज के लिए सरकार से गुहार लगाई थी।
इसके बाद लाहौर कोर्ट ने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें इलाज की इजाजत दी। उधर नवाज शरीफ के भाई और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने उनकी जमानत अर्जी दायर की थी। नवाज शरीफ एनएबी की हिरासत में हैं। वहीं नवाज की बेटी भी जेल में बंद हैं। उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में विपक्षी दल इमरान खान सरकार के खिलाफ 30 अक्टूबर को आजादी मार्च निकाल रहे हैं। जिसको लेकर इमरान खान की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। इस मार्च को रोकने के लिए इमरान खान सेना की मदद ले रहे हैं। हालांकि सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा विपक्षी दलों को इसके लिए चेतावनी दे चुके हैं।