चीन की फंडिंग, गांधी परिवार के जुड़े संगठन और राजीव गांधी फाउंडेशन की होगी जांच

By Team MyNation  |  First Published Jul 9, 2020, 9:36 AM IST


पिछले दिनों राजीव गांधी फाउंडेशन भाजपा के निशान पर आ गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी चीन को लेकर केन्द्र सरकार को घेर रहे थे। तभी भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिले फंड को लेकर सवाल उठाए। जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी बैकफुट पर आ गए और उन्होंने केन्द्र सरकार को चीन के बजाए कोरोना में घेरना शुरू कर दिया। 

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ने जा रही है। पहले ही चीन की फंडिंग को लेकर सवालों के घेरे में आए राजीव गांधी फाउंडेशन और गांधी परिवार से जुड़े तीन संगठनों की अब जांच होगी। इसके लिए गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है और इन संस्था की जांच करने के लिए एक समिति का गठन किया है। जो इस बात की जांच करेगी कि इन संगठनों को कहां और किसने फंडिंग की। यही नहीं इस बात की भी जांच होगी कि फंडिग के साथ ही इन संगठनों ने किन नियमों उल्लंघनों किया है।

पिछले दिनों राजीव गांधी फाउंडेशन भाजपा के निशान पर आ गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी चीन को लेकर केन्द्र सरकार को घेर रहे थे। तभी भाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिले फंड को लेकर सवाल उठाए। जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी बैकफुट पर आ गए और उन्होंने केन्द्र सरकार को चीन के बजाए कोरोना में घेरना शुरू कर दिया।  अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट तीनों संस्थाओं की वित्तीय लेन-देन की जांच के लिए अंतर मंत्रालय समिति का गठन किया है। जाहिर है इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ेंगी। क्योंकि ये साफ हो चुका है कि कांग्रेस से जुड़े संगठनों को चीन ने वित्तीय मदद दी है।

वहीं पिछले दिनों राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला करने के बाद भाजपा ने आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन के माध्यम से कांग्रेस ने चीन से पैसा लिया है। इसके इलावा इस फाउंडेशन को 2005-08 के बीच प्रधानमंत्री राहत कोष से भी पैसा लिया है। फिलहाल इन मामले पर घिर चुकी कांग्रेस का कहना है कि राजीव गांघी फाउंडेशन देश का फाउंडेशन है और इसने देश के लिए काम किया है। हालांकि कांग्रेस ने ये स्वीकार किया है कि 2005-06 में इसे पीएम राहत कोष से 20 लाख रुपये मिले हैं। हालांकि इस पैसे को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में राहत कार्यों में खर्च किया गया था। 

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