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Proud Movement: 4-स्टेज के रेक्टल कैंसर से पीड़ित 47 वर्षीय इराकी नागरिक को भारत में मिली नई जिंदगी

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Apr 12, 2024, 12:30 PM IST
Proud Movement: 4-स्टेज के रेक्टल कैंसर से पीड़ित  47 वर्षीय इराकी नागरिक को भारत में मिली नई जिंदगी

सार

स्टेज-4 रेक्टल कैंसर से पीड़ित एक 47 वर्षीय इराकी नागरिक को भारतीय डॉक्टरों ने  जटिल सर्जरी करके नया जीवन दिया  है। भारत में हुए इस सफल आपरेशन को करने वाली डाक्टरों की टीम की चौतरफा बड़ाई हो रही है। डाक्टरों के मुताबिक इस इराकी नागरिक को शुरू में बवासीर की शिकायत थी। अपने देश में उसका इलाज चल रहा था। बाद में उसे पता चला कि वह मलाशय के कैंसर से पीड़ित है।

नई दिल्ली। स्टेज-4 रेक्टल कैंसर से पीड़ित एक 47 वर्षीय इराकी नागरिक को भारतीय डॉक्टरों ने  जटिल सर्जरी करके नया जीवन दिया  है। भारत में हुए इस सफल आपरेशन को करने वाली डाक्टरों की टीम की चौतरफा बड़ाई हो रही है। डाक्टरों के मुताबिक इस इराकी नागरिक को शुरू में बवासीर की शिकायत थी। अपने देश में उसका इलाज चल रहा था। बाद में उसे पता चला कि वह मलाशय के कैंसर से पीड़ित है। जिसका पहले गलत इलाज किया गया था। यहां के द्वारका स्थित मणिपाल अस्पताल में पहले मोटे मरीज को कई कीमोथेरेपी और रेडिएशन सत्र से भी गुजरना पड़ा।

मणिपाल अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने किया सफल् इलाज
मणिपाल अस्पताल, द्वारका के सलाहकार सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ. संजीव कुमार ने आईएएनएस को बताया कि इराकी नागरिक जिंदगी की जंग हार चुका था। वह बड़े अनमने ढंग से यहां इलाज कराने आया था। उसे तनिक भी उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसी भयावह बीमारी की जंग जीत लेगा। यह एक चुनौतीपूर्ण मामला था क्योंकि मरीज का पहले गलत इलाज किया गया था। इस तथ्य से कि उसका वजन 122 किलोग्राम था, इलाज में जटिलता आ गई थी। जांच पड़ताल के बाद डॉक्टरों को रेक्टल कैंसर (चरण IV) के अलावा पेरिटोनियल बीमारी भी मिली। पेरिटोनियल रोग एक कैंसर है, जो पेट के भीतर एक अंग में शुरू होता है और फिर पेट की दीवार की परत और सतह तक फैल जाता है। आमतौर पर चौथे चरण का ये कैंसर लाइलाज होता है, लेकिन पेरिटोनियल बीमारी का इलाज किया जा सकता है।

गलत इलाज होने की वजह से गड़बड़ा गया था पेशेंट
मामले की जटिलता को देखते हुए मणिपाल के डॉक्टरों ने CRS (साइटोरडक्टिव सर्जरी) और HIPC (हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी सर्जरी)  दोनों अत्यधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रक्रियाएं करने का फैसला किया गया। डॉ. संजीव ने बताया कि उपचार की प्रभावशीलता को अधिकतम करने के लिए इन प्रक्रियाओं के जरिए कैंसरग्रस्त ट्यूमर को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाने और पेट में गर्म कीमोथेरेपी के प्रशासन के साथ जोड़ा गया था। प्रतिकूल प्रारंभिक पूर्वानुमान के बावजूद हमारी टीम के मार्गदर्शन में मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया गया और वह बेहतर जीवन गुणवत्ता के साथ घर लौटा। उसके उपचार की सफलता कैंसर जैसी जटिल समस्याओं के लिए उन्नत चिकित्सा समाधानों के महत्व पर प्रकाश डालती है। 

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