Apple ने भारत समेत 91 देशों को नए स्पाइवेयर साइबर अटैक के बारे में चेतावनी दी है। यदि आप भी एपल की किसी भी डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। कंपनी ने कहा है कि इन देशों के एप्पल यूजर्स किसी भी वक्त पेगासस जैसे स्पाइवेयर अटैक का शिकार हो सकते हैं।
Apple ने भारत समेत 91 देशों को नए स्पाइवेयर साइबर अटैक के बारे में चेतावनी दी है। यदि आप भी एपल की किसी भी डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। कंपनी ने कहा है कि इन देशों के एप्पल यूजर्स किसी भी वक्त पेगासस जैसे स्पाइवेयर अटैक का शिकार हो सकते हैं। इससे पहले इसी तरह का अलर्ट अक्तूबर 2023 में विपक्ष के कई नेताओं को भेजा गया था। जिस पर खूब शोर शराबा भी हुआ था।
साइबर अटैक को लेकर आईफोन यूजरों को भेजा जा रहा एलर्ट मैसेज
कथित तौर पर Apple भारत और 91 अन्य देशों में iPhone उपयोगकर्ताओं को महत्वपूर्ण सुरक्षा सूचनाएं भेज रहा है, जो उनके उपकरणों को लक्षित करने वाले संभावित भाड़े के स्पाइवेयर हमलों की चेतावनी है। इन हमलों का उद्देश्य iPhones तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करना और संभावित रूप से संवेदनशील डेटा चुराना है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक अधिसूचना ईमेल में स्पष्ट रूप से भाड़े के स्पाइवेयर हमलों की असाधारण प्रकृति का उल्लेख किया गया है, जो उन्हें नियमित मैलवेयर या साइबर आपराधिक गतिविधि से अलग करता है।
क्या है ये स्पाइवेयर?
आम मैलवेयर के विपरीत भाड़े के स्पाइवेयर बड़ी संख्या में उपकरणों को अंधाधुंध निशाना नहीं बनाते हैं। इसके बजाय इसे विशिष्ट व्यक्तियों के खिलाफ अत्यधिक लक्षित हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। अक्सर उनके पेशे, सक्रियता या अन्य संवेदनशील विशेषताओं के कारण। पेगासस, एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित एक स्पाइवेयर, पिछले हमलों में इस्तेमाल किए गए भाड़े के स्पाइवेयर का एक प्रसिद्ध उदाहरण है। Apple के अनुसार, ये खतरे की सूचनाएं 2021 से 150 से अधिक देशों में उपयोगकर्ताओं को भेजी गई हैं। यह व्यापक पहुंच स्पाइवेयर खतरे के परिदृश्य के वैश्विक पैमाने को रेखांकित करती है।
2021 में इसी तरह की हैकिंग को लेकर हो चुका है हंगामा
iPhone पर इससे पहले 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस अटैक को लेकर एक कमेटी बनाने काे कहा था। जिसके पास इस अटैक के जांच की जिम्मेदारी थी। Pegasus स्पाइवेयर को इस्त्रायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप ने तैयार किया है। पेगासस की मदद से किसी भी फोन को हैक किया जा सकता है। बड़ी बात यह है कि यूजर को इस हैकिंग के बारे में भनक तक नहीं लगती। अगस्त 2022 में इस कमेटी ने कहा था कि 29 मोबाइल फोन की जांच की गई। जिसमें पेगासस स्पाइवेयर के होने का कोई सबूत नहीं मिला। उस दौरान भारत के कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन को पेगासस के जरिए मॉनिटर करने का दावा किया गया था। इसके बाद से कंपनी अपने ग्राहकों को संभावित हैकिंग को लेकर पहले से एलर्ट भेजता रहता है। यह एलर्ट इसी के तहत भेजा गया है।
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Last Updated Apr 12, 2024, 11:52 AM IST