खुशखबरी: कोरोना संकटकाल में पहली बार 1 लाख करोड़ के पार जा सकता है जीएसटी कलेक्शन

By Team MyNation  |  First Published Oct 25, 2020, 7:42 PM IST

असल में पिछले 8 महीनों में पहली बार वस्तु एवं सेवार संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि कोरोना संकटकाल में देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी और जीएसटी कलेक्शन गिर गया था।

नई दिल्ली। ये इस बात के सबूत हैं कि देश में कोरोना संकटकाल में देश की अर्थव्यवस्था उबर ही है। क्योंकि आर्थिक गतिविधियों में तेजी और त्योहारों के मौसम के देखते उम्मीद की जा रही है कि इस महीने जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के पार चला जाएगा। ऐसा होता है तो कोरोना संकटकाल में पहली बार देश में जीएसटी संग्रहण एक लाख करोड़ पार चला जाएगा।

असल में पिछले 8 महीनों में पहली बार वस्तु एवं सेवार संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि कोरोना संकटकाल में देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी और जीएसटी कलेक्शन गिर गया था। वहीं अब इसके एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद की जा रही है। जीएसटी को देश का आर्थिक स्वास्थ्य का बैरोमीटर माना जाता है और इसके अच्छे होने से देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती आती है। फिलहाल सरकार अनुमान लगा रही है कि जीएसटी के संग्रहण में इजाफा होगा और क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। फिलहाल देश में औद्योगिक गतिविधियां तेज हो गई है। वहीं देश में त्योहारी सीजन के कारण घरेलू मांग में तेजी आ रही है और बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।

फिलहाल सरकार ने कारोबारियों को राहत देते हुए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम को बढ़ा दिया है। ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो। वहीं केन्द्र सरकार को सरकार राज्यों की 2.35 लाख रुपये की जीएसटी की भरपाई के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दे रही है। क्योंकि लॉकडाउन के कारण निर्माण क्षेत्र में सेवा क्षेत्र में काफी गंभीर असर पड़ा था और इसके कारण जीएसटी संग्रहण में काफी कमी आई है। वहीं वित्त मंत्रालय का कहना है कि 2020-21 में जीएसटी कलेक्शन में कमी को पूरा करने के लिये राज्यों के लिए विशेष कर्ज की व्यवस्था की गई है और इसे 21 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने इस व्यवस्था का विकल्प चुना है। राज्यों को ये कर्ज 5.19 फीसदी की दर से मिलेगा मियाद मोटे तौर पर 3 से 5 साल के लिए है।

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