महाराष्ट्र में सरकार का खाका तैयार, सीएम उद्धव तो कांग्रेस और एनसीपी की दिग्गज नेता बनेंगे मंत्री

By Team MyNationFirst Published Nov 22, 2019, 9:35 AM IST
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माना जा रहा है कि आज शाम तक राज्य में सरकार बनाने की तस्वीर साफ हो जाएगी। क्योंकि कांग्रेस आलाकमान ने कई दौर की बातचीत के बाद राज्य में शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार के लिए अपनी रजामंदी दे दी है। तीनों दलों के बीच हुए समझौते के मुताबिक शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य में सीएम बनेंगे। 

मुंबई। महाराष्ट्र में आज शिवसेना के नेतृत्व में कांग्रेस और एनसीपी का महागठबंधन बनने की उम्मीद की जा रही है। विभिन्न् तीन दलों की सरकार का ऐलान आज शाम किया जाएगा। जिसमें मुख्यमंत्री के पद के लिए उद्धव सीएम ठाकरे अपनी संभावित कैबिनेट के साथ आज शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ मुलाकात करेंगे और राज्य में सरकार बनाने का दावा करेंगे। माना जा रहा कि राज्य में दो डिप्टी सीएम भी शपथ ले सकते हैं।

माना जा रहा है कि आज शाम तक राज्य में सरकार बनाने की तस्वीर साफ हो जाएगी। क्योंकि कांग्रेस आलाकमान ने कई दौर की बातचीत के बाद राज्य में शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार के लिए अपनी रजामंदी दे दी है। तीनों दलों के बीच हुए समझौते के मुताबिक शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे राज्य में सीएम बनेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब शिवसेना के संस्थापक के परिवार का सदस्य राज्य में सीएम क पद पर नियुक्त हो रहा है। हालांकि इससे पहले राज्य में शिवसेना की अगुवाई में दो बार सरकार बनी। लेकिन ठाकरे परिवार का कोई भी सदस्य कैबिनेट में शामिल नहीं था।

वहीं माना जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस की तरफ से अशोक चव्हाण डिप्टी सीएम हो सकते हैं। वहीं एनसीपी की तरफ से अहम माने जाने वाले गृहमंत्रालय की कमान शरद पवार के भतीजे अजित पवार को दी जा सकती है। इसके साथ ही राज्य में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के बाला साहेब थोराट को राजस्व मंत्री और एनसीपी के जयंत पाटिल को वित्त मंत्री बनाया जा सकता है। फिलहाल मिली जानकारी के मुताबिक तीन दलों में सरकार के लिए जो 4-1 का फॉर्मूला तय हुआ है। इसका अर्थ है कि 4 विधायक पर एक मंत्री पद मिलेगा।

आदित्य ठाकरे भी हो सकते हैं मंत्री

माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में बनने वाली सरकार में शिवसेना की तरफ से आदित्य ठाकरे को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। असल में विपक्षी दलों को आदित्य ठाकरे का नेतृत्व मंजूर नहीं था। क्योंकि आदित्य का राजनैतिक कैरियर काफी कम है। लिहाजा वरिष्ठ नेताओं ने आदित्या के स्थान पर अन्य नेता  को सीएम बनाने का प्रस्ताव दिया था। जिसके बाद उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी।

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