आरक्षण की मांग को लेकर फिर पटरियों पर जमे गुर्जर आंदोलनकारी, 14 ट्रेनें रद्द

By Team MyNation  |  First Published Feb 9, 2019, 12:13 PM IST

गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में आंदोलन फिर शुरू हो गया है। हजारों की संख्या में आंदोलनकारी रेल की पटरियों में बैठक कर अपना विरोध जता रहे हैं। गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला अपने समर्थकों के साथ सवाईमाधोपुर जिले में ट्रेन की पटरियों पर बैठे हैं।

गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में आंदोलन फिर शुरू हो गया है। हजारों की संख्या में आंदोलनकारी रेल की पटरियों में बैठक कर अपना विरोध जता रहे हैं। गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला अपने समर्थकों के साथ सवाईमाधोपुर जिले में ट्रेन की पटरियों पर बैठे हैं। वह गुर्जर समेत चार जातियों को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग की पर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन के कारण कई 14 ट्रेंन रद्द कर दी गयी हैं। 

दो दिन पहले ही बैंसला ने राज्य सरकार को आंदोलन की धमकी दी थी, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांग न माने जाने के खिलाफ वह कल से रेल की पटरियों पर बैठ गए हैं। बैंसला का कहना है कि गुर्जर समुदाय की मांग को पूरा करना पीएम और सीएम के लिए कोई बड़ा काम नहीं है। इस आंदोलन के कारण अब तक 14 ट्रेनें कैंसल की जा चुकी हैं और 20 रेलगाड़ियों के मार्ग बदले गए हैं। शुक्रवार को ही राज्य के गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला राज्य सरकार को चेताया था कि अगर राजस्थान सरकार ने गुर्जरों समेत चार अन्य जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया तो शुक्रवार से वह फिर राज्य में बड़ा आंदोलन करेंगे।

इससे पहले भी बैंसला गुर्जरों को आरक्षण को लेकर बड़ा आंदोलन कर चुके हैं। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी और इसके समर्थन में लोगों ने रेलवे की पटरियों पर कब्जा कर लिया था और एक तरह से पूरे प्रदेश की व्यवस्था चरमरा गयी थी। लेकिन अब राज्य में गहलोत सरकार है और उन पर गुर्जरों समेत चार अन्य जातियों को राज्य में पांच फीसदी आरक्षण देने का दबाव है। क्योंकि कांग्रेस ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में गुर्जरों को आरक्षण देने का वादा किया था। जिसके कारण सरकार पर जबरदस्त दबाव भी है। असल में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था और अब गुर्जर सरकारी दस्तावेज बन चुके घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं।

बैंसला ने कहा कि अब आंदोलन पिछली बार की तुलना में और ज्यादा आक्रामक होगा। आंदोलन के तहत राजमार्गों और सड़कों को अवरूद्ध किया जाएगा। गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। हालांकि गुर्जर समाज को को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है, लेकिन गुर्जर पांच फीसदी से कम आरक्षण पर मानने को तैयार नहीं हैं।
 

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