हरियाणा के हिसार में लुहास विश्वविद्यालय के पशु सर्जन वैज्ञानिक डा. संदीप और उनकी 8 साल की बेटी की कार्यालय में खून से सनी लाश मिली। पुलिस के अनुसार डाक्टर ने पहले बेटी का बेरहमी से कत्ल किया, फिर खुद सुसाइड कर लिया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
हिसार। हरियाणा के हिसार में एक विचलित कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां लाला लाजपत राय चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सर्जिकल विभाग में पोस्टेड साइंटिस्ट ने हैवानियत की इंतहा पार कर दी। उसने अपनी 9 साल की बेटी को सर्जिकल ब्लेड से पशुओं की तरह चीर फाड़ डाला। मासूम बच्ची के प्रति एक पिता की इतनी नफरत देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। सर्जन बाप ने सर्जिकल ब्लेड से चीरने के बाद बेटी के पेट से उसकी आंत बाहर खींच ली। हैवान डाक्टर ने बच्ची का गला भी रेत दिया था। उसके कलाई की नस काट दी। चेहरा बिगाड़ दिया। उसके बाद खुद भी उसी सर्जिकल ब्लेड से अपने हाथ की नस काट कर सुसाइड कर लिया। दोनों के शव खून से सने मिले।
जहां से की पीएचडी, वहीं मिल गई थी नौकरी
मूलत: नरवाना निवासी डॉ. संदीप गोयल ने लुवास से ही पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। वर्ष 2016 में वो यहीं पर सहायक प्राध्यापक की नौकरी पा गए। फिर साइंटिस्ट बन गए। उनकी पोस्टिंग सर्जरी विभाग में हो गई। वह कैंसर ग्रस्त पशुओं की सर्जरी करते थे। 7 महीने पहले ही वह पत्नी और बेटी को लेकर पुराने कैंपस में शिफ्ट हुए थे। उनकी बेटी सयाना स्माल वंडर स्कूल में क्लास 2 में पढ़ती थी।
मुनीम पिता की इकलौती संतान डा. संदीप के भी थी एक मात्र बेटी
मुनीम पिता के इकलौते बेटे डा. संदीप के भी एक ही बेटी सयाना थी। पड़ोसियों का कहना है कि वह बहुत मिलनसार थे। अपनी इकलौती बेटी से वह बेइंतहा मोहब्बत करते थे। रविवार को शाम 5 बजे वह घर से कहीं गए थे। जाते समय कहा था कि 5 मिनट में वापस आ रहे हैं। उसके बाद पत्नी नीतू गोयल और बेटी सयाना को लेकर घूमने चलने को कहा था। डा. संदीप बेटी सयाना को स्कूटी में बैठाकर ले गए थे।
छुट्टी के दिन बेटी को स्कूटी से लेकर गए थे कार्यालय
पुलिस के अनुसार डा. संदीप बेटी सयाना को लेकर स्कूटी से अपने लुवास कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने खुद अपना कार्यालय खोला। उसके बाद बेटी को लेकर अंदर चले गए। अंदर से उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया। जब काफी देर तक वह दोनों वापस नहीं लौटे। फोन भी नहीं उठा, तो पत्नी नीतू उनकी खोज करने लगी। तब घटना की जानकारी हुई।
कार्यालय में खून से सनी मिली दोनों की लाश
कार्यालय का दरवाजा खोला गया तो अंदर का नजारा डरावना था। डा. संदीप और बेटी सयाना की खून से सनी लाशें पड़ीं थी। बगल में सर्जिकल ब्लेड भी खून से सनी हुई पड़ी थी। डाक्टर ने सुसाइड से पहले मासूम बेटी को बड़ी ही बेरहमी से मारा था।
डिप्रेशन की दवा ले रहे थे डा. संदीप
सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि सांइटिस्ट डा. संदीप गोयल पिछले 4-5 महीने से डिप्रेशन में चल रहे थे। वह दवा भी ले रहे थे। आशंका है कि डिप्रेशन में ही उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया होगा। पुलिस का कहना है कि अभी जांच की जा रही है। रविवार को अवकाश होने के बावजूद डा. संदीप कार्यालय क्यो गए। यह भी अहम है।
बिलख रही पत्नी ने कहा, मालूम होता तो बेटी का न जाने देती
पति और बेटी की लाश देख कर बिलख रही नीतू गोयल खुद नहीं समझ पा रही है कि आखिर ऐसा क्यो हुआ। उनका कहना था कि अगर उन्हें तनिक भी एहसास होता तो कम से कम बेटी सयाना को तो डा. संदीप के साथ नहीं ही जाने देती। डाक्टर ने ऐसा क्यों किया, इस बारे में भी नीतू कुछ नहीं बता पा रही है। घटना की सूचना मिलने के बाद लोगों का उनके घर आना जाना लगा है।
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