दोहरी मार: कोरोना संकट में हरियाणा सरकार ने बढ़ाया बस किराया, डीजल पेट्रोल पर भी की वैट की बढ़ोत्तरी

By Team MyNationFirst Published May 1, 2020, 1:34 PM IST
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हरियाणा सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान आम जनता पर एक और बोझ डाला है। राज्य सरकार ने बस का किराया 15 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाने और डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वैट बढ़ाने का फैसला किया। राज्य फैसले के मुताबिक साधारण, लग्जरी और सुपर लग्जरी बसों में बसों का किराया 85 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति यात्री से 1 रुपये प्रति किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है।

चंडीगढ़। कोरोना संकट के बीच में हरियाणा सरकार ने जनता को झटका देते हुए राज्य में बस किराए  में बढ़ोत्तरी की है। वहीं राज्य ने पेट्रोल और डीजल में भी वैट में इजाफा किया है। राज्य सरकार ने ने बस का किराया 15 पैसे प्रति किलोमीटर से लेकर एक रुपये तक बढ़ाया है। राज्य सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

हरियाणा सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान आम जनता पर एक और बोझ डाला है। राज्य सरकार ने बस का किराया 15 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाने और डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वैट बढ़ाने का फैसला किया। राज्य फैसले के मुताबिक साधारण, लग्जरी और सुपर लग्जरी बसों में बसों का किराया 85 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति यात्री से 1 रुपये प्रति किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है। जबकि साधारण बसों के किराए में 15 पैसे प्रति किलोमीटर का इजाफा किया गया है।

हरियाणा रोडवेज के पास लगभग 4,294 बसों का बेड़ा है और यह दैनिक आधार पर लगभग 10.38 लाख किमी का संचालन परिवहन निगम करती है। हालांकि कोरोनोवायरस के संकट को देखते हुए राज्य में सार्वजनिक परिवहन बंद है।  इसके साथ ही राज्य सरकार ने जनता पर बोझ डालते हुए डीजल और पेट्रोल की कीमतों पर वैट को बढ़ा दिया है।  राज्य सरकार ने पेट्रोल पर प्रति लीटर 1 रुपये और डीजल पर 1.1 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है। इसके साथ ही राज्य  सरकार राजस्व को बढ़ाने के लिए मंडियों में फलों और सब्जियों की बिक्री पर एक प्रतिशत बाजार शुल्क और हरियाणा ग्रामीण विकास निधि उपकर लगाने का भी निर्णय लिया।

राज्य सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि अन्य राज्य सरकारें संकट की इस घड़ी में आम जनता को राहत दे रही हैं जबकि भाजपा-जेजेपी सरकार इसके विपरीत काम कर रही थी। कांग्रेस ने राज्य सरकार के इस फैसले को नया 'जाजिया कर' बताया है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही राज्य सरकार ने खर्चों को बचाने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में नए वाहनों की खरीद पर रोक लगाई थी। 


 

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