पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से ही देश में मोदी कुर्ते और जैकेट की मांग बाजार में थी। लेकिन इस साल चुनाव के आते ही अब बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से खादी के कुर्ते की मांग लोगों में ज्यादा है। वहीं कांग्रेस के नेता भी मोदी स्टाइल के कुर्ते पहनने से नहीं चूक रहे हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से ही देश में मोदी कुर्ते और जैकेट की मांग बाजार में थी। लेकिन इस साल चुनाव के आते ही अब बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से खादी के कुर्ते की मांग लोगों में ज्यादा है। वहीं कांग्रेस के नेता भी मोदी स्टाइल के कुर्ते पहनने से नहीं चूक रहे हैं।
लोकसभा चुनाव शुरू हो गए हैं। नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं और इसके लिए वो अपने गेटअप में बदलाव कर रहे हैं। कुर्ता पायजामा नेताओं के बीच में काफी मशहूर हैं। लिहाजा चुनाव आते ही नेताओं ने कुर्ते और पायजामा को खरीदना शुरू कर दिया है। चुनाव को देखते हुए बाजार में मोदी जैकेट व रंगीन कुर्ते की बाजार में मांग बढ़ गयी है। हालांकि केन्द्र में 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद मोदी कुर्ते की मांग बढ़ गयी थी वहीं उत्तर प्रदेश में 2017 के दौरान योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद उनके स्टाइल वाले कुर्ते की मांग बहुत बढ़ी है। बाजार में खादी और केसरिया रंग के कुर्तों की मांग ज्यादा है। जबकि कांग्रेस के खेमों में सफेद कुर्ते की मांग ज्यादा है।
पीएम मोदी अपने मीडिया मैनेजमेंट के लिए जाते हैं और कांग्रेस अकसर आरोप लगाती है कि वह हर कार्यक्रम को इवेंट बना देते हैं। दिल्ली में भाजपा दफ्तर के बाहर कुर्ते-पायजामे का कारोबार करने वाले दुकानदारों की माने तो मोदी जैकेट और रंगीन कुर्ते ने सफेद कुर्ते-पायजामे को रिप्लेस कर दिया है। मोदी स्टाइल के कुर्ते में चूड़ीदार पायजामा और स्टाइलिस कुर्ता है। दो दशकों से भाजपा कार्यालय के बाहर कारोबार करने वाले दुकानदार कहते हैं कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद नेताओं की पहचान बदली है। जबकि पहले नेता घेरदार पायजामा पहने थे लेकिन मोदी के पीएम बनने के बाद लोगों ने चूड़ीदार पायजामा पहनना शुरू कर दिया है।
इसके साथ ही मोदी स्टाइल जैकेट यानी सदरी की भी बहुत मांग है। रंगीन कुर्ते को मोदी कलर का नाम दिया गया। जो खासतौर से केसरिया रंग की जैकेट है। अगर देखें तो सबसे ज्यादा कुर्ते और जैकेट केसरिया रंग के हैं और उसके बाद आसमानी फिर हरे रंग के कुर्तों की मांग है। भाजपा सरकार के दौरान खादी के कपड़ों की मांग बाजार में बढ़ गयी थी क्योंकि भाजपा सरकार ने खादी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की। कई राज्य में सरकारों ने ऑन कंपनियों से खादी के वस्त्रों को बेचने के लिए करार किया है। जिसके कारण ये आसानी से लोगों की पहुंच में हैं।