असल में दिल्ली और एनसीआर में सर्दियों के शुरू होते ही हवा में फिर से सांस लेना दूभर होने लगा है। क्योंकि प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच जाता है। प्रदूषण फैलने में वाहनों से निकलने वाले धुंए की हिस्सेदारी काफी ज्यादा है.
नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर में हर साल बढ़ने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए खास ईंधन से बसें चलाने का फैसला किया है। इन बसों में खास ईंधन का प्रयोग किया जाएगा और इससे प्रदूषण भी कम होगा। इसके लिए दिल्ली में हाइड्रोजन मिक्स सीएनजी के डिस्पेंसिंग स्टेशन और संयंत्र का उद्घाटन केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने किया और ऐलान किया कि जल्द दिल्ली-एनसीआर में एचसीएनजी से सभी बसें चलाई जाएंगी।
असल में दिल्ली और एनसीआर में सर्दियों के शुरू होते ही हवा में फिर से सांस लेना दूभर होने लगा है। क्योंकि प्रदूषण अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच जाता है। प्रदूषण फैलने में वाहनों से निकलने वाले धुंए की हिस्सेदारी काफी ज्यादा है.। लिहाजा केन्द्र सरकार ने इसके विकल्प की तलाश की है। इसके तहत अब वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। फिलहाल देश में इस दिशा में हाइड्रोजन मिक्स सीएनजी वाहन चलाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। फिलहाल केन्द्र की योजना के मुताबिक आने वाले समय में दिल्ली-एनसीआर में एचसीएनजी से सभी बसें चलाई जाएंगी। वहीं छोटे वाहनों में भी इस ईंधन का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके लिए इंडियन ऑयल के रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर ने हाल में प्राकृतिक गैस से सीधे हाइड्रोजन-सीएनजी बनाने का पेटेंट विकसित किया था।
रिसर्च ये पाया गया है कि इसके इस्तेमाल से कार्बन का उत्सर्जन, माइलेज और टिकाऊपन काफी बेहतर रहा है। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक सीएनजी की तुलना में 18 फीसदी हाइड्रोजन-सीएनजी के इस्तेमाल से 70 फीसदी कम कार्बन मोनोक्साइड उत्सर्जन होता है। वहीं बीएस 4 इंजन वाले भारी वाहनों में इस ईंधन के इस्तेमाल के बाद 25 फीसदी कम हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन होगा। यानी प्रदूषण कम होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 18 फीसदी एचसीएनजी ईंधन को दिल्ली में 50 बसों में ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया जाए और इसके बाद राजधानी में एचसीएनजी से बसें चलाई जाए। वहीं ये दावा किया जा रहा है कि हाइड्रोजन मिक्स सीएनजी ईंधन का इस्तेमाल करने के लिए वाहनों के इंजन में बदलाव करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।