राष्ट्रवादी होने पर मुझे है गर्व, क्या आपको है?

By Abhinav Khare  |  First Published Sep 26, 2019, 8:09 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि वह एक राष्ट्रवादी है। इसी तरह से फिलीपींस के राष्ट्रपति, डुटर्टे। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोकोवी, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, इज़राइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू। इन सभी नेताओं ने राष्ट्रवादी नेता होने का दावा किया है। ये सभी लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेता हैं, न कि फांसीवादी तरीके से।  जैसा कि आमतौर पर दावा किया जाता है। ये लोग अपने देशों की पहचान से अपनी पहचान स्थापित करना चाहते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है। 

चुनाव अब खत्म हो गए हैं लेकिन एक शब्द है जो अब भी हवा में घूम रहा है। वह शब्द है राष्ट्रवाद। हर विपक्षी दल भाजपा के राष्ट्रवादी पार्टी होने के खिलाफ हैं। जैसे कि यह एक अपराध हो और जिसे दंडित करने की आवश्यकता है।

राष्ट्रवाद एक आधुनिक आंदोलन है जो 18 वीं शताब्दी में ही एक भावना के रूप में पहचाना जाने लगा था। राष्ट्रवाद एक राजनीतिक व्यवहार नहीं है, लेकिन राष्ट्रवाद एक देश के लिए प्रेम, विश्वास, दृढ़ विश्वास और गौरव है। दुनिया भर में सभी राष्ट्रवादी आंदोलनों ने इसका समर्थन किया है और इसके जरिए राष्ट्रीय हितों को आगे ले जाने में मदद की है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि वह एक राष्ट्रवादी है। इसी तरह से फिलीपींस के राष्ट्रपति, डुटर्टे। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोकोवी, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, इज़राइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू। इन सभी नेताओं ने राष्ट्रवादी नेता होने का दावा किया है। ये सभी लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेता हैं, न कि फांसीवादी तरीके से।  जैसा कि आमतौर पर दावा किया जाता है। ये लोग अपने देशों की पहचान से अपनी पहचान स्थापित करना चाहते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है। 

इकोनॉमिस्ट शीर्षक में एक लेख था "राष्ट्रवादी उत्कंठा से नरेंद्र मोदी के लिए दूसरा कार्यकाल सुरक्षित होने की संभावना है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस लेख में कहीं भी आयुष्मान भारत, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, मेक इन इंडिया या स्वच्छ भारत का कोई उल्लेख नहीं है। वे वास्तव में उसी से बेखबर लग रहे हैं। लेकिन उन्हें लगता है कि राष्ट्रवाद का सार गलत है। राष्ट्रवाद का मतलब राष्ट्र के लिए प्यार और गर्व है। उसके आगे कुछ भी नहीं। यह इन दिनों मीडिया द्वारा बनाए गए किसी विशेष धर्म या आर्थिक समूह का अर्थ नहीं है।

भारतवासी इस पर चुप रहे। लेकिन जब वे वोट देते हैं, तो वे दिखाते हैं कि वे किस विचारधारा पर विश्वास करते हैं। वे उन सभी लोगों के खिलाफ हैं जो देश को अस्थिर करने की कोशिश करते हैं और पहली बार भारत एक मजबूत निर्णायक नेतृत्व देख रहा है और भारत ने उसके लिए अपना अधूरा समर्थन देने का वचन दिया है।

इसलिए, मैं एक गर्वित राष्ट्रवादी हूं, क्या आप हैं?

(लेखक, अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं।

उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं। अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ईटीएस से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (एमबीए) भी किया है।)

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