उत्तर प्रदेश के पांच आईएएस अफसरों पर खनन घोटाले के मामले में सीबीआई की जांच चल रही है। वहीं अब ईडी भी इन अफसरों की आय की जांच कर रहा है। क्योंकि ईडी को लगता है कि इन लोगों के पास अवैध तरीके पैसा पहुंचा है। लिहाजा इन अफसरों से ईडी ने पूरे दस का आय का ब्योरा, आयकर दाखिल और विभिन्न स्रोतों से अर्जित किए गए धन के बारे में भी जानकारी मांगी है।
लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय ने खनन घोटाले के आरोपी आईएएस अफसरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ईडी ने इन अफसरों से पिछले दस साल के आय के प्रमाण मांगे है। यही नहीं इसके साथ इन अफसरों से विभिन्न स्रोतों प्राप्त की गयी धनराशि का ब्योरा देने को कहा है। यही नहीं ईडी जल्द ही इन अफसरों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब करेगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पांच आईएएस अफसरों पर खनन घोटाले के मामले में सीबीआई की जांच चल रही है। वहीं अब ईडी भी इन अफसरों की आय की जांच कर रहा है। क्योंकि ईडी को लगता है कि इन लोगों के पास अवैध तरीके पैसा पहुंचा है।
लिहाजा इन अफसरों से ईडी ने पूरे दस का आय का ब्योरा, आयकर दाखिल और विभिन्न स्रोतों से अर्जित किए गए धन के बारे में भी जानकारी मांगी है। अब ईडी ने इन अफसरों की संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है।
ईडी ने ईडी ने देवरिया व फतेहपुर में हुए खनन घोटालों में नामजद पांच आईएएस अफसरों की पिछले 10 साल की तैनातियों, इनकम टैक्स रिटर्न और उनके खिलाफ हुई विभागीय जांचों का सरकार से ब्योरा मांगा है।
फिलहाल ईडी की तऱफ से उत्तर प्रदेश सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को पत्र भेजा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि ईडी जल्द नोटिस जारी कर इन सभी अफसर पूछताछ भी करेगी। गौरतलब है कि देवरिया और फतेहपुर में हुए घोटाले में तत्कालीन प्रमुख सचिव खनन जीवेश नंदन, विशेष सचिव संतोष कुमार, देवरिया व फतेहपुर के तत्कालीन डीएम आईएएस विवेक व अभय सिंह पर सीबीआई का शिकंजा पहले से कसा हुआ है।
वहीं आईएएस अफसर बी चंद्रकला के खिलाफ भी सीआईआई और ईडी की जांच चल रही है। ऐसे में ईडी द्वारा आय का ब्योरा मांगने पर इनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं। फिलहाल कौशांबी में हुए खनन घोटाले की जांच का जिम्मा ईडी की इलाहाबाद यूनिट को सौंपा गया है।