पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्र के आर्थिक पैकेज की सराहना की तो टीएमसी ने उनके ट्वीट पर निशाना साधते कहा कि उन्हें अगले राज्य विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में किसानों के संकटों को कम करने का प्रयास किया है और उन्हें इसके लिए बधाई दी।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना संकट के बीच राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस राज्यपाल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री के पैकेज को लेकर केन्द्र सरकार की तारीफ की तो टीएमसी को ये तारीफ रास नही आई और उन्होंने राज्यपाल से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की सलाह दे डाली। तृणमूल कांग्रेस के नेता और सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्र के आर्थिक पैकेज की सराहना की तो टीएमसी ने उनके ट्वीट पर निशाना साधते कहा कि उन्हें अगले राज्य विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में किसानों के संकटों को कम करने का प्रयास किया है और उन्हें इसके लिए बधाई दी। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आग्रह किया कि वे केंद्र की पीएम-किसान योजना को राज्य में शुरू करें। राज्यपाल ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को कर्ज मिल सकेगा।
लेकिन टीएमसी को राज्यपाल का ये संदेश रास नहीं आया है। धनखड़ के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता और सांसद कल्याण बनर्जी ने ट्वीट में कहा कि राज्यपाल भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल को सुझाव दिया कि वह भगवा पार्टी के टिकट पर अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़े। उन्होंने ट्विट किया है कि पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल आप बिल्कुल केंद्रीय सरकार के कर्मचारी बन गए हैं।
आप अपनी राजनीतिक पार्टी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। कल घोषित किया गया आर्थिक पैकेज कुछ भी नहीं है और लोगों को निराश करता है। टीएमसी नेता ने कहा कि राज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर काम कर रहे हैं। वहीं राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि विशेष आर्थिक पैकेज में शून्य है और इसमें राज्यों के लिए कुछ भी कुछ नहीं है। पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन ने पिछले दो महीनों में तीखे वाद विवाद चल रहे हैं। हालांकि उससे पहले भी इस तरह की तल्खी राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच देखी गई थी।