पाकिस्तानियों की जिंदगी बचाने के लिए भारत सरकार के पैरों पर गिर गई इमरान सरकार, जानें क्या है फैसला

By Team MyNation  |  First Published Sep 3, 2019, 5:02 PM IST

पाकिस्तान ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भारत से व्यापारिक संबंधों को तोड़ा था। जिसके बाद से ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने दम तोड़ दिया। पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है और पाकिस्तान सरकार के पास इतना पैसा नहीं है कि वह विदेशों से महंगी दवाएं मंगा सके। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार भी नहीं जिससे वह अमेरिका या अन्य देशों से महंगा दवाएं मंगा सके। 

नई दिल्ली। कभी भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी देने वाले इमरान खान और पाकिस्तान सरकार को अब पाकिस्तानियों की जिंदगी बचाने के लिए भारत के पैरों पर गिरना पड़ा है। अभी तक भारत से उत्पाद न खरीदने वाले पाकिस्तान में दवाईयों का अकाल पड़ गया है। जिसके अब पाकिस्तान ने भारत ये दवाईयां मंगाने का फैसला किया है।

असल में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद पाकिस्तान ने भारत से सभी तरह के व्यापारिक रिश्तों को तोड़ दिया था। पाकिस्तान ने बौखलाहट में आकर भारत से आयात की जाने वाली दवाईयों के खरीदने पर रोक लगा दी थी। लेकिन पाकिस्तान को ये कहां पता था कि एक दिन उसे दवाईयों के लिए भारत के दरवाजे पर ही आना पड़गा। लिहाजा अब पाकिस्तान ने भारत से दवाईयों को आयात करने का फैसला किया है।

पाकिस्तान ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भारत से व्यापारिक संबंधों को तोड़ा था। जिसके बाद से ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने दम तोड़ दिया। पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है और पाकिस्तान सरकार के पास इतना पैसा नहीं है कि वह विदेशों से महंगी दवाएं मंगा सके। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार भी नहीं जिससे वह अमेरिका या अन्य देशों से महंगा दवाएं मंगा सके। इसके कारण पाकिस्तान में दवाईयों की कीमतों में उछाल आ गया है।

जिसके बाद अब पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने ऐलान ने जीवन रक्षक दवाओं की कमी के चलते भारत के साथ आंशिक व्यापार को बहाल कर दिया है। असल में भारत से पाकिस्तान को बड़ी तादाद में दवाएं निर्यात की जाती हैं। सांप और कुत्तों के जहर से बचाने वाली दवाओं से लेकर गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए पाकिस्तान भारत पर निर्भर है। लेकिन भारत से व्यापारिक संबंध खत्म होने के बाद पाकिस्तान के अस्पतालों और दवाओं की दुकानों में दवाएं खत्म हो गई थी। जिसके साथ ही इन दवाओं की कीमतों में उछाला आया है। 

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