जेएनयू देशद्रोह मामला: डीसीपी के पेश नहीं होने पर अदालत ने लगाई फटकार

जेएनयू देशद्रोह मामले में कोर्ट के आदेश के बावजूद डीसीपी कोर्ट में नही हुए पेश। जिसपर पटियाला हाउस कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाते हुए जांच अधिकारी से पूछा कि आप कौन हैं। कोर्ट ने कहा डीसीपी स्पेशल सेल उपेंद्र कुशवाहा कल खुद पेश होकर बताएं कि दिल्ली सरकार की बिना सेंशन के आरोप पत्र क्यों फाइल हुआ। 

In JNU sedition case DCP not present in court

नई दिल्ली: जेएनयू देशद्रोह मामले में अदालत कोर्ट कल सुनवाई करेगी। इससे पहले कोर्ट ने जांच अधिकारी से पूछा था कि क्या कन्हैया नारे लगा रहा था। जिसपर जांच अधिकारी ने कहा जब नारे लग रहे थे, उस समय वहां मौजूद था। खालिद ने प्रोग्राम को ऑर्गनाइज किया था। अर्निबान भट्टाचार्य भी वहां मौजूद था। दो घंटे तक प्रोग्राम चला था। खालिद और अर्निबान का मेल भी मौजूद है। 

जिसपर अदालत ने कहा प्रोग्राम से संबंधित वीडियो देखने के बाद आगे का फैसला तय करेंगे। लेकिन कोर्ट ने इस मामले से संबंधित वीडियो नही देखा। कोर्ट ने कहा था कि आरोप पत्र दाखिल करने में 3 साल आपने लगाया और सेंशन देने में दिल्ली सरकार 3 साल लगाएगी।
  
आरोप पत्र में कन्हैया कुमार, अर्निबान भट्टाचार्य, खालिद उमर सहित 10 लोगो के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया गया है, जिसमें 7 कश्मीरी छात्र आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रुईया रसूल, बशीर भट, बशरत के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। 

वहीं आरोप पत्र की कॉलम संख्या 12 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा की बेटी अपराजिता, जेएनयूएसयू की तत्कालीन उपाध्यक्ष शहला राशिद, राम नागा, आशुतोष कुमार और बनज्योत्सना लाहिरी सहित कम से कम 36 अन्य लोगों के नाम है, क्योंकि इन लोगों के खिलाफ फिलहाल सबूत नही हैं। 

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), धारा 323 (किसी को चोट पहुचाना), धारा 465 (जालसाजी के लिए सजा), धारा 471(फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड को वास्तविक तौर पर इस्तेमाल करना), धारा 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने के लिए सजा), धारा 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र सदस्य होना), धारा 147 (दंगा फैलाने के लिए सजा) और 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत आरोप लगाए गए है। 

पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में दाखिल किया है। यह कार्यक्रम संसद पर हमले के मामले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु के फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था।
 

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