पुलिस का कहा है कि मृतक, दिग्विजय त्रिवेदी (32) पालघर के दहानू में एक अदालत इस मामले की पैरवी कर रहे थे और उनकी मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर चरोटी काका के पास कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पुलिस का कहना है कि वाहन से नियंत्रण खो जाने के कारण कार एक्सीडेंट हुी है। हालांकि पुलिस ने साजिश से इंकार किया है।
मुंबई। महाराष्ट्र में पालकर में भीड़ द्वारा मारे गए दो साधुओं के केस लड़ रहे वकील की एक सड़क दुर्घटना में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि अधिक रफ्तार के कारण कार दुर्घटना हुई है। लेकिन साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है। ये संयोग ही हो सकता है कि साधुओं का केस लड़ रहे वकील की भी दुर्घटना में मौत हो सकती है। वहीं भाजपा ने इस दुर्घटना को लेकर सवाल उठाए हैं। वहीं राज्य के हिंदू संगठन इस दुर्घटना की जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस का कहा है कि मृतक, दिग्विजय त्रिवेदी (32) पालघर के दहानू में एक अदालत इस मामले की पैरवी कर रहे थे और उनकी मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर चरोटी काका के पास कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पुलिस का कहना है कि वाहन से नियंत्रण खो जाने के कारण कार एक्सीडेंट हुी है। हालांकि पुलिस ने साजिश से इंकार किया है। जानकारी के मुताबिक मृतक दिग्विजय त्रिवेदी (32) अपनी सहयोगी प्रीति त्रिवेदी के साथ पालघर के दहानू में एक अदालत में जा रहे थे, जब उनकी कार चरोती नाका के पास पहुंची तो वाहन से उन्होंने नियंत्रण खो दिया और कार टकरा गई।
जिसमें मौके पर ही उनकी मौत हो गई। जबकि उनकी सहयोगी घायल हो गई। जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। वकील दिग्विजय त्रिवेदी महाराष्ट्र के राजनीतिक दल बहुजन विकास अगाड़ी के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख भी थे। पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है। बुधवार को ही पालघर लिंचिंग मामले में कोर्ट के आदेश के बाद 51 लोगों को न्यायिक हिरासत में और 51 लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है और 61 लोगों को रिमांड पर लिया। दहानू में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) एम वी जवाले की अदालत में एक किशोर सहित कुल 113 अभियुक्तों को पुलिस ने अदालत में पेश किया। जहां अदालत ने इन सभी को रिमांड पर भेज दिया है।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को गडचिंचल गांव में दो साधुओं की लोगों ने पीट पीट कर हत्या कर दी थी। जब दो साधु एक ड्राइवर के साथ कार से मुंबई से सूरत की ओर जा रहे थे। ग्रामीणों ने पुलिस के सामने ही इन लोगों की हत्या की। जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इस बावत पालघर जिला ग्रामीण पुलिस ने तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं। जिसमें 134 लोगों को आरोपी बनाया गया है। अब इस मामले की पैरवी कर रहे वकील की दुर्घटना में मौत कई सवाल खड़े कर रही है। वहीं वकील दिग्विजय की मौत के बाद बीजेपी नेता संबित पात्रा ने निशाना साधा है।
पात्रा ने लिखा है कि 'पालघर में संतो की हत्या मामले में वीएचपी के वकील दिग्विजय त्रिवेदी की सड़क हादसे में मृत्यु हो गयी। यह खबर विचलित करने वाली है। क्या यह केवल संयोग है कि जिन लोगों ने पालघर मामले को उठाया उनपर या तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया या एफआईआर कराई?'