नियाजी की मलयेशिया यात्रा से पहले महातिर को भारत ने दिया झटका, पाकिस्तान की भी बढ़ेगी मुश्किलें

पिछले महीने ही भारत ने आधिकारिक तौर पर तेल आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया था। लेकिन आयातकों ने मलयेशिया से तेल खरीदना कम कर दिया था। जिसके कारण मलयेशिया में तेल की कीमत कम हो गई थी। लिहाजा मलयेशिया ने भारत सरकार से बातचीत करने की पेशकश की थी।
 

India gave blow to Mahathir before Niazi's visit to Malaysia, Pakistan's problems will increase

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी अपने दोस्त मलयेशिया की यात्रा पर जा रहे हैं। लेकिन उससे पहले भारत ने मलयेशिया को बड़ा झटका दिया है। वहीं पाकिस्तान को भी बड़ा झटका मिल सकता है। क्योंकि मलयेशिया की यात्रा को लेकर सऊदी अरब नाराज है। पिलहाल भारत सरकार ने मलयेशिया से आयातित होने वाले पाम ऑयल पर  आयात ड्यूटी बढ़ा दी है।

India gave blow to Mahathir before Niazi's visit to Malaysia, Pakistan's problems will increase

पिछले महीने ही भारत ने आधिकारिक तौर पर तेल आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया था। लेकिन आयातकों ने मलयेशिया से तेल खरीदना कम कर दिया था। जिसके कारण मलयेशिया में तेल की कीमत कम हो गई थी। लिहाजा मलयेशिया ने भारत सरकार से बातचीत करने की पेशकश की थी। फिलहाल भारत ने कच्चे पाम तेल पर आयात पर लगने वाली ड्यूटी को 37.5% से बढ़ाकर 44% कर दिया है, एक सरकारी अधिसूचना ने शनिवार को कहा, क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा पाम तेल आयातक भारत स्थानीय तिलहन उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है। लिहाजा इस डयूटी में इजाफा किया गया है। 

पिछले महीने ही भारत ने परिष्कृत पाम तेल के आयात को प्रतिबंधित कर दिया और आयातकों से कहा था कि मलयेशिया लगातार कश्मीर और नए नागरिकता कानून को लेकर बयान दे रहा है। लिहाजा मलयेशिया से तेल आयात कम किया जाए। अभी तक भारत खाद्य तेल खपत के 70 प्रतिशत आयात पर निर्भर करता है। जिसके कारण उसके कोष से ज्यादा पैसा तेल आयात करने में जाता है।

लेकिन अब पाकिस्तान के पीएम इमरान खान मलयेशिया जा रहे हैं। जिसके बाद मलयेशिया को बड़ा झटका लगने जा रहा है। क्योंकि भारत सीधे तौर पर अगर मलयेशिया से तेल नहीं खरीदता है तो उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा  सकती है। वहीं मलयेशिया की यात्रा को लेकर सऊदी अरब नाराज हो सकता है। पिछले दिनों मुस्लिम देशों की बैठक  में हिस्सा लेने के लिए इमरान खान को मलयेशिया जाना था। लेकिन सऊदी अरब के दबाव के कारण उन्हें वहां का दौरा टाल दिया था। असल में मलयेशिया मुस्लिम देशों का अलग संगठन बना रहा है। जो सीधे तौर पर सऊदी अरब को चुनौती दे रहा है।
 

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