मोदी नीति, नापाक के दोस्त मलेशिया के बाद तुर्की को दिया भारत ने बड़ा झटका

By Team MyNation  |  First Published Oct 20, 2019, 8:34 AM IST

 तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र सभा में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था। हालांकि उस वक्त सरकार ने सीधे तौर पर तुर्की से कहा था कि ये भारत और पाकिस्तान का मुद्दा है और इस पर किसी तीसरे देश की भुमिका का स्वीकार नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली। पाकिस्तान के दोस्त मलेशिया को झटका देने के बाद अब भारत सरकार ने तुर्की को बड़ा झटका दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्की की अपनी प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर तुर्की को कड़ा संदेश दिया है। भारत ने ये कार्यवाही पेरिस में एफएटीएफ में पाकिस्तान का साथ देने के बाद की है।

प्रधानमंत्री अब तुर्की की यात्रा पर नहीं जाएंगे। क्योंकि तुर्की ने पिछले दिनों आतंकवाद पर पाकिस्तान का साथ दिया है। लिहाजा भारत ने नाराजगी जताते हुए तुर्की की यात्रा को रद्द कर दिया है। ये तुर्की के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र सभा में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था।

हालांकि उस वक्त सरकार ने सीधे तौर पर तुर्की से कहा था कि ये भारत और पाकिस्तान का मुद्दा है और इस पर किसी तीसरे देश की भुमिका का स्वीकार नहीं किया जाएगा। असल में 27-28 अक्टूबर को सऊदी अरब में हो रहे मेगा इन्वेस्टमेंट समिट में पीएम मोदी को हिस्सा लेना है और इसके बाद उन्हें तुर्की की यात्रा पर जाना था। लेकिन भारत सरकार ने वहां की यात्रा रद्द कर दी है।

यही नहीं दो दिन पहले ही पेरिस में हुई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में भी तुर्की ने पाकिस्तान का ही साथ दिया था। जिसके बाद पीएम मोदी तुर्की के इस रूख से नाराज थे। हालांकि तर्की की झटका देते हुए पीएम मोदी तुर्की के पड़ोसी देशों की यात्रा पर जा चुके हैं। क्योंकि इन देशों के साथ तुर्की का पहले से ही विवाद चल रहा है।

गौरतलब है कि इस हफ्ते भारत ने पाकिस्तान के दोस्त मलेशिया को बड़ा झटका देते हुए वहां से पाम ऑयल आयात नहीं करने का फैसला भारतीय कारोबारियों ने किया था और भारत सरकार भी इस तरह का फैसला लेने वाली है। जिसके बाद मलेशिया की मुश्किलें बढ़ गई थी। क्योंकि भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है।

इसके बाद मलेशिया के कारोबारियों ने वहां की सरकार पर दबाव बनाया था। जिसके बाद वहां के पीएम महातिर मोहम्मद ने भारत सरकार को एक प्रस्ताव दिया था। भारत सरकार के भविष्य में किए जाने वाले फैसले को लेकर मलेशिया घबरा गया है। क्योंकि पाम ऑयल से ही मलेशिया की आर्थिक व्यवस्था चलती है।

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