देश की तरक्की के लिए मजबूत नेतृत्व का होना जरूरी: जेटली

By Team Mynation  |  First Published Oct 16, 2018, 6:23 PM IST

वित्त मंत्री बोले, भारत मौजूदा स्थिति को अगले दो दशक तक बनाए रखता है। तो हम गरीबी से पार पा सकते हैं और संभवत: अपने जीवनकाल में भारत को विकसित देश के रूप में देख सकेंगे। 

आर्थिक वृद्धि को और रफ्तार देने, गरीबी से पार पाने तथा भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए केंद्र में अस्थिर गठबंधन नहीं बल्कि मजबूत और निर्णायक नेतृत्व की जरूरत है। देश को ऐसे व्यक्तियों की जरूरत नहीं है, जिनके पास नीतियों की समझ न हो। इस समय ऐसी सरकार और नेतृत्व की आवश्यकता है जिसकी दिशा और सोच स्पष्ट हो ताकि भारत अपनी मौजूदा विशिष्ट स्थिति को बरकरार रख सके जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दुनिया में एक आकर्षक स्थान बताया है। 

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मंगलवार को यह बात कही। उद्योग मंडल एसोचैम की 98वीं सालाना बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के फटाफट लिए गए फैसले से आईएल एंड एफएस संकट से निपटने में मदद मिली है।

जेटली ने कहा, ‘इस समय भारत को ऐसे व्यक्तियों की जरूरत नहीं है जिसके पास नीतियों और दिशा की समझ नहीं है। भारत को ऐसा गठबंधन भी नहीं चाहिए जो अंदर से ही अस्थिर हो। इस समय तो ऐसी सरकार और नेतृत्व की आवश्यकता है जिसकी दिशा और सोच स्पष्ट हो’ उन्होंने कहा कि केंद्र में मजबूत और त्वरित निर्णय लेने वाली सरकार की जरूरत है जो न केवल उच्च वृद्धि दर को बनाए रखे, राजस्व बढ़ाए बल्कि बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार करे।

जेटली ने कहा, ‘इस समय ऐसी सरकार और नेतृत्व की आवश्यकता है जिसकी दिशा और सोच स्पष्ट हो ताकि भारत अपनी उस वर्तमान विशिष्ट स्थिति को बरकरार रख सके जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने दुनिया में एक आकर्षक स्थान बताया है। भारत की इस स्थिति को अगले दो दशक तक बनाए रखना है। अगर यह करने में कामयाब होते हैं, हम गरीबी से पार पा सकते हैं और संभवत: अपने जीवनकाल में भारत को विकसित देश के रूप में देख सकेंगे।’ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में 8.2 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही थी।

वित्त मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अपने संबोधन में कहा, ‘...आपको ऐसी सरकार की जरूरत है जो उन लोगों पर निर्भर नहीं हो जो अपनी रणनीतियों के तहत सरकार को गिराने का प्रयास करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘यदि आज कमजोर नेतृत्व होता तो कर्ज के बोझ से दबी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सविर्सिज (आईएल एंड एफएस) के मामले को उस तरह से नहीं संभाल सकता जैसा कि मौजूदा सरकार ने किया है। एक उभरते संकट को तुरंत संभाल लिया गया।’ 

उल्लेखनीय है कि आईएल एंड एफएस और उसके समूह की कंपनियां इस समय कर्ज नहीं चुका पा रही हैं। सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसके निदेशक मंडल को हटाकर उसकी जगह उदय कोटक की अध्यक्षता में एक नया निदेशक मंडल बिठा दिया।

चुनौतियों का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि भारत तेल का शुद्ध आयातक देश है। विश्व बाजार में कच्चे तेल की कृत्रिम तौर पर कमी पैदा कर दाम बढ़ाये जा रहे हैं। इसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। ‘इस स्थिति का मुकाबला करने के लिए हमें तैयार रहना होगा। हमें इसका सामना करने के लिए क्षमता पैदा करनी होगी।’ 

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ देशों की घरेलू नीतियां का देश पर असर पड़ रहा है और उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रकार के प्रभाव अस्थायी प्रकृति के होंगे। उन्होंने कहा, ‘तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था के रूप में हमारे पास इन चुनौतियों से पार पाने की क्षमता है।’

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