भारत का लगातार ही यह रुख रहा है कि वर्ष 1963 का 'तथाकथित चीन पाकिस्तान सीमा समझौता' अवैध और अमान्य है। इसे भारत सरकार ने कभी मान्यता नहीं दी।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना (सीपीईसी) के तहत पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर दोनों देशों के बीच प्रस्तावित बस सेवा को लेकर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। पाकिस्तान के लाहौर और चीन के काशगर के बीच पीओके से होते हुए नई बस सेवा 13 नवंबर से शुरू होनी है। काशगर चीन के शिनजियांग उईगर स्वायत्त क्षेत्र का एक शहर है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'हमने इस बस सेवा को लेकर चीन और पाकिस्तान के समक्ष कड़ा ऐतराज जताया है। यह बस तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरनी है।'
रवीश कुमार ने कहा, यह बस सेवा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन होगी। भारत का लगातार ही यह रुख रहा है कि वर्ष 1963 का 'तथाकथित चीन पाकिस्तान सीमा समझौता' अवैध और अमान्य है। इसे भारत सरकार ने कभी मान्यता नहीं दी।
We have lodged strong protests with China and Pakistan on the proposed bus service that will operate through Pakistan Occupied Jammu and Kashmir (POJ&K) under the so-called ‘China-Pakistan Economic Corridor’: MEA
— ANI (@ANI)दरअसल, पाकिस्तान मीडिया के हवाले से आई खबरों के अनुसार, 30 घंटे की इस बस सर्विस का किराया 13 हजार रुपये है, जबकि वापसी में यह किराया 23 हजार रुपये होगा। खबरें यहां तक हैं कि कई लोगों ने इस सर्विस के एडवांस बुकिंग भी कराई थी।
पाकिस्तान और चीन सीधे कोई सीमा साझा नहीं करते हैं। दोनों के बीच एकमात्र लिंक पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर से होकर है। दरअसल, भारत और अफगानिस्तान सीमा साझा करते थे लेकिन पाकिस्तान के कश्मीर पर अवैध कब्जे से ये संपर्क खत्म हो गया।