भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में दर्ज होगा साल 2021 का दिसंबर महीना, जानिए क्यों?

By Team MyNationFirst Published Jan 11, 2019, 4:42 PM IST
Highlights

इसरो के प्रमुख के सिवन ने कहा, ‘जहां तक चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण की बात है तो इसके लिए 25 मार्च से मध्य अप्रैल का समय तय किया गया है। संभवत: इसे मध्य अप्रैल में प्रक्षेपित किए जाने का लक्ष्य है।’ 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इस साल दूसरे चंद्रयान मिशन की तैयारी कर रहा है। इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने शुक्रवार को कहा कि दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 को इस साल मध्य अप्रैल में प्रक्षेपित किए जाने की योजना है।

इसरो ने इससे पहले कहा था कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण इस साल जनवरी से 16 फरवरी के बीच किया जाएगा। 800 करोड़ रुपये की लागत वाला यह अभियान करीब 10 साल पहले प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-1 का उन्नत संस्करण है।

सिवन ने यहां कहा, ‘जहां तक चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण की बात है तो इसके लिए 25 मार्च से मध्य अप्रैल का समय तय किया गया है। संभवत: इसे मध्य अप्रैल में प्रक्षेपित किए जाने का लक्ष्य है।’ 

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे पहले जनवरी और फरवरी के बीच प्रक्षेपित करने की योजना बनाई थी लेकिन कुछ परीक्षणों के नहीं हो पाने के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसरो प्रमुख ने कहा, ‘फरवरी के लक्ष्य से चूकने के बाद अगला उपलब्ध लक्ष्य अप्रैल है। अब इसे अप्रैल में प्रक्षेपित करने की योजना है।’

इसरो की सबसे बड़ी प्राथमिकता गगनयान है, मानवरहित मिशन के लिए पहली समयसीमा दिसंबर 2020 तय की गई है, दूसरी समयसीमा जुलाई 2021 है। पहले मानवीय मिशन के लिए दिसंबर 2021 का समय तय किया गया है। 

अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा। गगनयान के लिए शुरुआती ट्रेनिंग भारत में होगी। एडवांस ट्रेनिंग रूस में हो सकती है। इस मिशन में महिला अंतरिक्षयात्री भी टीम का हिस्सा होंगी। अंतरिक्ष में मानव मिशन के लिए जरूरी उच्च तकनीक का विकास कर लिया गया है। इसके तहत अंतरिक्षयात्री 7 दिन तक स्पेस में रहेंगे।

Chairman Dr K Sivan is addressing the media at Antariksh Bhavan now. He is touching upon all major scheduled for this year and ahead. pic.twitter.com/uS8dX9Jfhr

— ISRO (@isro)

इसरो प्रमुख के सिवन ने 2018 की उपलब्धियां भी गिनाईं। पिछले साल ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी 40) के जरिए 28 विदेशी उपग्रहों के साथ 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण और उन्हें सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। 

सिवन ने इसरो की 2018 की उपलब्धियां साझा करते हुए कहा, 'कई रॉकेट और उपग्रहों के प्रक्षेपण के साथ यह साल काफी व्यस्तताओं वाला रहा। सबसे बड़ी उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गगनयान की घोषणा रही। यह एक प्रमुख घोषणा है।'

उन्होंने बताया, 'जीसैट-20, जीसैट-29 सैटलाइट इस साल लांच होंगे। इन सैटेलाइट से हाई स्पीड कनेक्टिविटी को बल मिलेगा। डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने में मिलेगी मदद।' इसरो की इस साल 32 मिशन की योजना तैयार की है।

इसरो प्रमुख ने बताया, गगनयान मिशन पर पिछले चार महीने से काम चल रहा है। चालक दल की ट्रेनिंग पर काम शुरू किया जा चुका है। चालक दल का चुनाव इसरो और आईएएफ द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। इसके बाद उन्हें 2 से 3 साल तक ट्रेनिंग दी जाएगी।

साथ ही इसरो देश भर में 6 इंक्यूबेशन एंड रिसर्च सेंटर स्थापित करेंगे। हम भारतीय छात्रों को इसरो में लाएंगे। भारतीय छात्रों को नासा जाने की जरूरत नहीं है। 

click me!