नौसेना बनी 'लव गुरु', वैवाहिक संबंधों पर बुकलेट छापी

बुकलेट का शीर्षक 'इनरिचिंग मैरिज एंड फैमिली लाइफ' यानी वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन को समृद्ध करना है। इसमें उन कारणों को उजागर किया गया है जो वैवाहिक जीवन में विवाद का कारण बनते हैं। साथ ही उन उपायों की जानकारी दी गई है, जिन्हें अपनाकर पति-पत्नी अपने संबंधों को सुधार सकते हैं। 

Indian Navy turns relationship Guru, warns couples that marital discord may lead their children life to be damned

नौसैनिक परिवारों में बढ़ रहे तलाक के मामलों ने नौसेना में चिंता बढ़ा दी है। इनसे निपटने के लिए नौसेना ने एक ऐसी बुकलेट तैयार करवाई है, जो वैवाहिक संबंधों को खुशहाल बनाने के तरीके सुझाती है। इसमें बताया गया है कि वैवाहिक संबंधों में विवाद की वजह से बीमारियां घेर सकती हैं। बच्चों का जीवन प्रभावित हो सकता है। तनावग्रस्त परिवार के बच्चों का झुकाव शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने की बढ़ सकता है। उनके शारीरिक संबंधों से फैलने वाले रोगों में घिरने का खतरा बढ़ जाता है। 

इस बुकलेट का शीर्षक 'इनरिचिंग मैरिज एंड फैमिली लाइफ' यानी वैवाहिक एवं पारिवारिक जीवन को समृद्ध करना है। इसमें उन कारणों को उजागर किया गया है जो वैवाहिक जीवन में विवाद का कारण बनते हैं। साथ ही उन उपायों की जानकारी दी गई है, जिन्हें अपनाकर पति-पत्नी अपने संबंधों को सुधार सकते हैं। इस बुकलेट को नौसेना की मेडिकल सर्विस महानिदेशक की पहल पर तैयार किया गया है। 

बुकलेट की प्रस्तावना में नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने लिखा है, 'शादी जैसे संस्थान को दामपत्य जीवन में लगातार बढ़ रहे विवादों के चलते खतरा पैदा हो गया है। विवाद के चलते पति-पत्नी को सामंजस्य बैठाने में मुश्किल आती है और यह तलाक पर जाकर खत्म होता है। नौसैन्य परिवार भी इस बढ़ती परेशानी से अछूते नहीं हैं। लगातार बढ़ रहा यह ट्रेंड चिंता का कारण है।'

दामपत्य जीवन में विवाद के चलते पड़ने वाले प्रभावों की जिक्र करते हुए नौसेना की ओर कहा गया है, 'यह किसी भी व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसके चलते कई रोगों से ग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। जैसे प्रतिरोधक क्षमता में कमी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, दिल की बीमारी, पल-पल बदलता मिजाज, अवसाद और तनाव संबंधी विकार।'

नौसेना ने अधिकारियों और नौसैनिकों को व्याभिचार से दूर रहने की सलाह दी है। 

इसमें कहा गया है, 'ज्यादातर शादियों के टूटने के लिए विवाहेत्तर संबंध (एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स) जिम्मेदार होते हैं। पति या पत्नी में से कोई भी किसी अफेयर में तब पड़ता है जब वह निजी तौर पर अंसतुष्ट हो या व्यक्तिगत संतुष्टि चाहता हो, उसे नए संबंधों के अनुभव की तलाश हो या वह भावनात्मक अंतरंगता साझा करना चाहता हो। बहरहाल, कारण कोई भी हो, व्याभिचार को सही नहीं ठहराया जा सकता। शादीशुदा जीवन में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।'
 
नौसेना के मुताबिक, अभी तक के अनुसंधानों से यह सामने आया है कि किसी बच्चे का बर्ताव का माता-पिता के वैवाहिक संबंधों से संबंध होता है। अगर पति-पत्नी के वैवाहिक रिश्तों में तनाव है या तलाक होता है तो इससे उनके बच्चे का जीवन प्रभावित होता है। 

बुकलेट में कहा गया है, 'टूटे परिवारों में ये दिक्कतें देखने को मिलती हैं - स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, एकल परिजन के चलते अभाव में जीवन, ड्रग्स की लत, शादी से पहले सेक्स और शारीरिक संबंधों से फैलने वाले रोगों से ग्रस्त होना।'

नौसेना प्रमुख ने उम्मीद जताई कि यह किताब वैवाहिक जीवन में विवाद के कारणों पर प्रकाश डालेगी और नौसैनिक परिवारों को समाधान भी उपलब्ध कराएगी। किताब के मुताबिक, एक सफल वैवाहिक जीवन के लिए किसी भी जोड़े को अपने साथी से बिना शर्त प्यार करना चाहिए। अंतरंगता को जिंदा रखने चाहिए और तलाक जैसे शब्द का कभी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

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