खुशखबरी: मकान और कार खरीदारों के लिए सस्ता हो सकता है कर्ज

By Harish Chandra Tiwari  |  First Published Dec 13, 2018, 7:10 PM IST

 ऐसा माना जा रहा है कि दास अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को कम कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश करेंगे। अगर ब्याज दरों में कमी की जाती है तो रियल स्टेट और आटोमोबाइल सेक्टर में तेजी देखने को मिलेगी। इसके साथ ही कल जारी किए सीएसओ के आंकड़ों के मुताबिक देश की खुदरा मंहगाई दरों में गिरावट दर्ज की गयी है। महंगाई दर अपने सवा साल के निचले स्तर पर आ चुकी है।

-फरवरी में आरबीआई कम कर सकता है रेपो रेट

अगले कुछ महीनों में घर और कार खरीदारों के लिए खुशखबरी है। अगर आप जल्द ही घर या कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो थोड़ा इंतजार करना आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है। असल में आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों को घटा सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण खुदरा मंहगाई दरों में कमी होने के साथ ही उत्पादन में इजाफा होना है।

दरअसल तीन दिन पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गवर्नर का पद संभालने वाले शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था की विकासदर पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही थी। दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास दर की रफ्तार को बरकरार रखना बैंक की सबसे बड़ी चुनौती है। दास ने कहा कि देश में मुद्रास्फीति अनुकूल परिदृश्य के साथ निर्धारित लक्ष्य के दायरे में है। उन्‍होंने कहा कि वह हर संस्थान को अपनी स्वायत्तता को बनाए रखना होता है और जवाबदेही निभानी होती है। उन्होंने कहा सरकार और आरबीआई के बीच स्वतंत्र, निष्पक्ष, उद्देश्यपूर्ण और काफी मुक्त वार्ता होनी चाहिए।

दास के बयान से ही शेयर में उछाल आया था जबकि तीन राज्यों के चुनाव परिणाम से केन्द्र की सत्ताधारी भाजपा को छटका लगा था। ऐसा माना जा रहा है कि दास अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को कम कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश करेंगे। अगर ब्याज दरों में कमी की जाती है तो रियल स्टेट और आटोमोबाइल सेक्टर में तेजी देखने को मिलेगी। इसके साथ ही कल जारी किए सीएसओ के आंकड़ों के मुताबिक देश की खुदरा मंहगाई दरों में गिरावट दर्ज की गयी है।

महंगाई दर अपने सवा साल के निचले स्तर पर आ चुकी है। इसके कारण खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी आना है। साथ ही पिछले एक महीने के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में गिरावट के कारण भी खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आयी है। महंगाई दर में कमी की वजह से ही आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। बैंक की अगली मौद्रिक समीक्षा अगले साल 7 फरवरी को होगी। बैंक ने 5 दिसंबर को अपनी मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट को 6.5% पर रखा था। बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर 2018 में 8.1% की दर से बढ़ा है और इससे वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की अच्छी शुरुआत हुई है।

click me!