पाकिस्तान में सेना और सरकार में बढ़ा न्यायपालिका का दखल, सैन्य शासन की आशंका

By Team MyNationFirst Published Nov 27, 2019, 10:49 AM IST
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ताजा मामले में पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने इमरान सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए सेना प्रमुख कमर जावेज बाजवा के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है। हालांकि अभी तक पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। क्योंकि कोर्ट इस पर सरकार का पक्ष जान रही है। मुख्य न्यायाधीश ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री को सेना प्रमुख के सेवा विस्तार की मंजूरी देने का अधिकार नहीं है। इसका अधिकार राष्ट्रपति को है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान में फिर से सैन्य शासन लगने की आशंका व्यक्त की जा रही है। क्योंकि न्यायपालिका ने सेना और इमरान खान सरकार को बढ़ा झटका देते हुए दखल दिया है। जिसके बाद माना जा है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान में सैन्य शासन लग सकता है। हालांकि इसकी आशंका पहले से ही व्यक्त कि जा रही है कि पाकिस्तान की कठपुतली इमरान खान की सरकार को सेना कभी भी सत्ता से बेदखल कर सकती है।

ताजा मामले में पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने इमरान सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए सेना प्रमुख कमर जावेज बाजवा के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है। हालांकि अभी तक पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। क्योंकि कोर्ट इस पर सरकार का पक्ष जान रही है। मुख्य न्यायाधीश ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री को सेना प्रमुख के सेवा विस्तार की मंजूरी देने का अधिकार नहीं है। इसका अधिकार राष्ट्रपति को है।

जिन्हें इमरान खान की मंजूरी के बाद इसे मंजूरी दी है। यही नहीं इमरान कैबिनेट के सिर्फ 11 सदस्यों ने इसे मंजूरी दी थी जबकि कैबिनेट में 25 सदस्यों की मंजूरी जरूरी है। फिलहाल इस मामले में अब देश के कानून मंत्री फरोग नसीम ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि माना जा रहा है कि ये बाजवा और इमरान सरकार के लिए बड़ा झटका है। इस झटके बाद पाकिस्तान में कभी भी सैन्य शासन लग सकता है। फिलहाल आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सरकार का पक्ष सुनेगा। असल में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने वाले थे और इमरान खान सरकार ने उन्हें अगस्त को 3 साल का सेवा विस्तार दिया था।

हालांकि ये तय था कि इमरान सरकार बाजवा को सेवा विस्तार देगी। लेकिन इमरान सरकार ने इसके लिए पहले राष्ट्रपति से अनुमति नहीं ली थी। जबकि सेवा विस्तार के बाद ये प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेजा गया था। फिलहाल इस मामले में अब इमरान खान सरकार फंस गई है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बाजवा का सेवा विस्तार रद्द हो सकता है और बाजवा महज दो दिन यानी 29 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं।

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