असल में राज्य में पिछले पांच साल देवेन्द्र फणनवीस ने सरकार अपने तरीके से चलाई। यानी वह बड़े से बड़े फैसले खुद करते थे जबकि सहयोगियों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे। लिहाजा राज्य में भाजपा के ज्यादातर नेता उनसे नाराज चल रहे हैं। वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना से डील करने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। भाजपा के पास सबसे ज्यादा विधायक होने के बावजूद उसके पास बहुमत नहीं है। जबकि शिवसेना भाजपा को डरा रही है कि उसके पास 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। हालांकि ये विधायक कौन हैं। इसको लेकर शिवसेना स्पष्ट नहीं कर रही हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि राज्य में मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे रहने वाले देवेन्द्र फणनवीस का साथ कोई भी भाजपा का नेता नहीं दे रहा है।
असल में राज्य में पिछले पांच साल देवेन्द्र फणनवीस ने सरकार अपने तरीके से चलाई। यानी वह बड़े से बड़े फैसले खुद करते थे जबकि सहयोगियों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे। लिहाजा राज्य में भाजपा के ज्यादातर नेता उनसे नाराज चल रहे हैं। वहीं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना से डील करने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि अमित शाह फणनवीस से नाराज हैं। क्योंकि देवेन्द्र जिस तरह से राज्य में फिर से सरकार बनाने का दावा कर रहे थे। उसके बावजूद वह सरकार नहीं बना पाए।
राज्य में भाजपा बहुमत के आंकड़े से दूर हो गई। जबकि पार्टी ने उन्हें पांच साल छूट दी थी। जिसको लेकर भाजपा के ज्यादातर नेता नाराज थे। लेकिन अब इसी बात को लेकर देवेन्द्र अलग थलग पड़ चुके हैं। क्योंकि सरकार बनाने के लेकर ज्यादातर नेता शांत बैठे हैं। क्योंकि पार्टी के नेताओं का मानना है इसके लिए सीएम के दावेदार को ही पहल करनी चाहिए। वहीं शिवसेना भी देवेन्द्र फणनवीस को भाव नहीं दे रही है। क्योंकि आने वाले दिनों में शिवसेना ये भी दांव खेल सकती है कि उसकी पसंद का सीएम राज्य में बनाया जाए। क्योंकि शिवसेना भी फणनवीस से नाराज चल रही है।