अब इसरो बनेगा सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना का मददगार

By Team MyNation  |  First Published Dec 19, 2018, 9:40 AM IST

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो आज कम्यूनिकेशन सैटलाइट जीएसएटी 7ए को  को लॉन्च कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस सैटलाइट से भारतीय सेना और वायुसेना को ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। क्योंकि इसका ड्रोन आपरेशन में इस्तेमाल कर दुश्मन को मात देने में सफलता मिलेगी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और अब अगर सेना भविष्य मे इस तरह के अभियानों को करती है तो इस सैटलाइट से उसे सटिक जानकारी मिल सकेगी।

ISRO will launch toady GSAT-7A, will help to Indian Army

-सर्जिकल स्ट्राइक जैसे हमलों में मिलेगी मदद

-भारतीय वायुसेना के एयरबेस जुड़ेगे आपस में

भारतीय सेना अब जल्द ही और ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगी। उसे अपने दुश्मनों के खिलाफ फिर से सर्जिकल स्ट्राइक करने में इसरो का भी साथ मिलेगा। असल में आज इसरो जीएसएटी-7ए को लांच कर रहा है। जिससे भारत को ड्रोन आपरेशन में मदद मिलेगी क्योंकि इस सैटलाइट से भारतीय वायुसेना के एयरबेस आपस में लिंग हो सकेंगे।

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो आज कम्यूनिकेशन सैटलाइट जीएसएटी 7ए को  को लॉन्च कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस सैटलाइट से भारतीय सेना और वायुसेना को ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। क्योंकि इसका ड्रोन आपरेशन में इस्तेमाल कर दुश्मन को मात देने में सफलता मिलेगी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और अब अगर सेना भविष्य मे इस तरह के अभियानों को करती है तो इस सैटलाइट से उसे सटिक जानकारी मिल सकेगी। असल में ड्रोन आधारित ऑपरेशंस में एयरफोर्स की ग्राउंड रेंज में खासा इजाफा होगा।

इस सैटलाइट को शाम को श्रीहरिकोटा के लॉन्च पैड से छोड़ा जाएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक जैसे ही जीएसएटी 7 ए, जियो ऑरबिट में पहुंचेगा इसके जरिए भारतीय वायुसेना के सभी अलग-अलग ग्राउंड रेडार स्टेशन, एयरबेस आपस में जुड़ जाएंगे। ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस सैटलाइट से वायुसेना के एयरबेस ही इंटरलिंक नहीं होंगे, बल्कि इसके जरिए ड्रोन ऑपरेशंस में भी मदद मिलेगी। बहरहाल भारत अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अमेरिका में बने हुए प्रीडेटर-बी या सी गार्डियन ड्रोन्स को हासिल करने का प्रयास कर रहा है।

क्योंकि ये अधिक ऊंचाई पर सैटलाइट कंट्रोल के जरिए काफी दूरी से दुश्मन पर हमला करने की क्षमता रखते हैं। इस सैटलाइट को तैयार करने में करीब 500 से 800 करोड़ रुपये का खर्च बताया जा रहा है। भारत के पास अभी करीब 13 मिलिटरी सैटलाइट्स हैं, इसमें ज्यादातर सैटलाइट्स रिमोट-सेंसिंग सैटलाइट्स हैं।

vuukle one pixel image
click me!
vuukle one pixel image vuukle one pixel image