कश्मीर में आतंकी 'डॉक्टर' समेत दो ढेर, जनवरी में शामिल हुआ था हिजबुल में

By Gursimran Singh  |  First Published Oct 11, 2018, 3:41 PM IST

मन्नान ने इस साल की शुरुआत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का पीएचडी कोर्स छोड़कर हिजबुल मुजाहिदीन का हाथ थाम लिया था। हिजबुल ने उसे कुपवाड़ा का कमांडर बनाया था। मन्नान के हिजबुल में शामिल होने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों को उसकी तलाश थी।

जम्मू-कश्मीर में निकाय चुनाव शुरू होने के बाद हुए पहले बड़े ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने हंदवाड़ा में दो आतंकियों को मार गिराया। दोनों आतंकियों की पहचान हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर मन्नान वानी और आशिक के रूप में हुई है। 

मन्नान ने इस साल की शुरुआत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का पीएचडी कोर्स छोड़कर हिजबुल मुजाहिदीन का हाथ थाम लिया था। हिजबुल ने उसे कुपवाड़ा का कमांडर बनाया था। मन्नान के हिजबुल में शामिल होने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों को उसकी तलाश थी। सेना द्वारा कुछ समय पहले जारी की गई आतंकियों की मोस्ट वांटेड की सूची में मन्नान का नाम शामिल था। 

सुरक्षा बलों को दो से तीन आतंकियों के मौजूद होने की खबर मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने देर रात ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद पूरे इलाके को चारों तरफ से घेरकर आतंकियों की धरपकड़ शुरू की गई। सुबह 9:15 बजे पहली बार आतंकियों ने सुरक्षा बलों के ऊपर फायरिंग की। इसके कुछ समय के अंदर ही सुरक्षा बलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया।

हंदवाड़ा में दो आतंकियों के मारे जाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर इस साल 182 आतंकियों का खात्मा किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'माय नेशन' को यह जानकारी दी है। 

एएमयू में भूगर्भ शास्त्र के रिसर्च स्कॉलर मन्नान बशीर वानी ने साल की शुरुआत में पढ़ाई छोड़कर पांच जनवरी को हिजबुल मुजाहिदीन का हाथ थाम लिया था। फेसबुक पर राइफल के साथ मन्नान की तस्वीर वायरल होने पर यूनिवर्सिटी ने उसे निष्काषित कर दिया था। मन्नान पिछले पांच साल से एएमयू से पढ़ रहा था। वह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के ताकीपोरा गांव का रहने वाला था।

अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस और पीडीपी ने मन्नान की मौत पर दुख जताया है। दोनों पार्टियों ने उसे पढ़ा लिखा नौजवान बताया है।  हुर्रियत नेता मीरवाइज ने ट्वीट किया 'अफसोस! मन्नान वानी और उनके साथियों की शहादत की दुखद खबर सुनी। बहुत दुखद है कि हमने उसके जैसे एक बुद्धिमान और लेखक खो दिया है। वह आत्म संकल्प के लिए लड़ रहा था। जेआरएल ने वानी को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को बंद का अह्वान किया है।'

Alas! heard the tragic news of ’s Martyrdom and of his associates! Deeply pained that we lost a budding intellectual and writer like him,fighting for the of cause of self-determination.JRL appeals to people to observe a complete tomorrow to pay homage to him

— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir)

Today a PhD scholar chose death over life & was killed in an encounter. His death is entirely our loss as we are losing young educated boys everyday. 1/2

— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti)

उधर, पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मन्नान की मौत के बहाने फिर पाकिस्तान के साथ बातचीत का राग अलापा है। 

It is high time that all the political parties in the country realise the gravity of this situation and try to facilitate a solution through dialogue with all the stake holders including Pakistan to end this bloodshed. 2/2

— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti)

उधर, शोपियां में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने हुर्रियत के एक कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बंदूकधारियों ने जिले के मीमंदर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ता मौलवी तारिक अहमद गनाई को गोली मार दी, जिसमें वह घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।

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