पूर्व सांसद और फिल्म स्टार जया प्रदा भाजपा में शामिल हो गयी हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि उन्हें भाजपा रामपुर से प्रत्याशी बनाएंगी। लिहाज जया प्रदा के भाजपा में शामिल होने से सबसे बड़ी मुश्किलें समाजवादी पार्टी की बढ़ गयी हैं।
पूर्व सांसद और फिल्म स्टार जया प्रदा भाजपा में शामिल हो गयी हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि उन्हें भाजपा रामपुर से प्रत्याशी बनाएंगी। लिहाज जया प्रदा के भाजपा में शामिल होने से सबसे बड़ी मुश्किलें समाजवादी पार्टी की बढ़ गयी हैं। क्योंकि जया प्रदा के वहां से चुनाव लड़ने के बाद आजम खान रामपुर से बाहर नहीं निकल पाएंगे, जबकि वह सपा में मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं।
सपा की सांसद रह चुकी जया प्रदा ने आज भाजपा का दामन थाम लिया है। हालांकि माय नेशन ने कल ही इस खबर को प्रकाशित कर दिया था कि वह भाजपा में शामिल हो रही हैं। लिहाजा पार्टी कार्यालय में उन्होंने औपचारिक तौर पर पार्टी की सदस्यता ली। जया प्रदा को सपा के पूर्व सांसद अमर सिंह का करीबी माना जाता है। फिलहाल अमर सिंह भाजपा में नहीं हैं, लेकिन उनकी भाजपा के साथ नजदीकियां जगजाहिर हैं।
वहीं जयाप्रदा की सपा नेता आजम खान के साथ छत्तीस का आंकड़ा है। लिहाजा अब ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें आजम खान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी जया प्रदा को रामपुर सीट से सपा के उम्मीदवार आजम खान के खिलाफ मैदान में उतार सकती है।
जानें कैसे आजम खान की बढ़ गयी हैं मुश्किलें
असल में जयाप्रदा सपा की सांसद रह चुकी हैं और अमर सिंह और जया प्रदा के कारण ही आजम खान को पार्टी से बाहर किया गया था। आजम खान सपा का मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। लिहाजा जया प्रदा के रामपुर से चुनाव लड़ने से आजम खान को रामपुर में डेरा डालना पड़ेगा। रामपुर सीट को भाजपा ने 2014 में जीता था। रामपुर में मुस्लिमों की संख्या काफी ज्यादा है और वह निर्णायक होते हैं।
जया प्रदा का वोटबैंक
जया प्रदा 2004 और 2009 में रामपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी हैं। उस वक्त आजम खान ने उनका विरोध किया था। वहां पर जया प्रदा का खासा वोटबैंक है। उनके समर्थकों में सपा के नेता बी हैं। जबकि आजम खान को शिकस्त देने के लिए वहां कांग्रेस की नेता परोक्ष तौर पर जया प्रदा को समर्थन दे सकती हैं। क्योंकि कांग्रेस की नूर बानो की आजम खान के साथ अदावत है।
जानें कौन हैं जया प्रदा
जया प्रदा ने फिल्मी कैरियर से पहली बार राजनीति में साल 1994 में कदम रखा और वह तेलुगु देशम पार्टी का हिस्सा बनी और उसके बाद वह तेलुगु देशम के चंद्रबाबू नायडू वाले गुट में शामिल हो गईं। वह पहली बार 1996 में जया आंध्र प्रदेश से ही राज्यसभा पहुंची। इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की और रामपुर से दो बार सांसद रही।