कर्नाटक में राजनैतिक अस्तित्व बचाने को जेडीएस देगी राजनैतिक बलि !

राज्य में कांग्रेस के 11 विधायक और 3 जेडीएस के विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद राज्य में कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गयी है। कुमारस्वामी कल रात ही विदेश दौरे से लौटे हैं और विधायकों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। राज्य में कांग्रेस भी अपने विधायकों को मनाने में लगी है।

JDS can sacrifice chief minister post to save political existence in Karnataka

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन की सरकार बचाने और अपने राजनैतिक अस्तित्व को बचाने के लिए एचडी देवगौड़ा की पार्टी अपनी राजनैतिक बलि देने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। फिलहाल इस पर भी पार्टी के बड़े नेता राय मशविरा कर रहे हैं।

ये तो तय है कि अगर गठबंधन सरकार सरकार बचाने में कामयाब नहीं होती है तो राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाएगी या फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगेगा और उसके बाद विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में चुनाव से बचने के लिए पार्टी कांग्रेस को मुख्यमंत्री का पद दे सकती है।

राज्य में कांग्रेस के 11 विधायक और 3 जेडीएस के विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद राज्य में कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गयी है। कुमारस्वामी कल रात ही विदेश दौरे से लौटे हैं और विधायकों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। राज्य में कांग्रेस भी अपने विधायकों को मनाने में लगी है।

लिहाजा आज कुमारस्वामी ने विधायकों को नाश्ते पर बुलाया था। फिलहाल कहा जा रहा है कि इस्तीफा देने वाले विधायक इस्तीफा वापस नहीं लेने पर अड़े हैं। अगर देखें तो कुमारस्वामी सरकार के पास आज का ही समय है क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष को कल इन विधायकों का इस्तीफा मंजूर करना होगा। क्योंकि विधायक इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल से भी मिल चुके हैं और राज्य के पूरे हालत की जानकारी दे चुके हैं।

उधर ऐसा माना जा रहा है कि राज्य में सरकार बचाने के लिए जेडीएस कांग्रेस के मुख्यमंत्री के लिए भी तैयार हो सकती है। क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस को मालूम है कि अगर राज्य में अभी चुनाव होते हैं तो उनका राजनैतिक भविष्य में संकट आ सकता है। क्योंकि राज्य में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 28 में से 25 सीटों पर विजय हासिल की है।

ऐसे में चुनाव होना दोनों ही दलों के नुकसानदेह हो सकता है। जबकि विधानसभा में भी पार्टी के 109 विधायक हैं। वहीं अगर बीजेपी राज्य में सरकार बनाती है तो दोनों दलों को नुकसान होगा। एक तो हाथ से सत्ता जाएगी और दूसरी तऱफ और भी विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। लिहाजा जेडीएस कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद देने पर भी विचार कर रही है।

कल ही जेडीएस के अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने कहा था कि इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया का हाथ है। क्योंकि बगावत करने वाले विधायक उनके ही समर्थक हैं और वह सिद्धारमैया को सीएम बनाने की बात कर रहे हैं। फिलहाल जेडीएस का कहना है कि कांग्रेस को सीएम का पद देने के लिए जेडीएस-कांग्रेस की समन्वकय समिति फैसला करेगी।

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