झारखंडः चर्च से जुड़े 88 एनजीओ पर छापे, धर्म परिवर्तन पर बड़ा खुलासा

By Siddhartha Rai  |  First Published Aug 11, 2018, 12:03 PM IST

झारखंड पुलिस के सूत्रों के अनुसार, जल्द ही पूरी हो जाएगी छापेमारी की कार्रवाई, विदेश से आए धन से आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का है मामला
 

नई दिल्ली/रांची। झारखंड पुलिस ने विदेशी फंड का दुरुपयोग कर आदिवासियों के धर्मपरिवर्तन और राजनीतिक उठापटक कराने के आरोप में 88 ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित गैर सरकारी  संगठनों (एनजीओ) के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। यह कार्रवाई मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बच्चों की कथित बिक्री में लिप्त होने के खुलासे के बाद हुई है। 

झारखंड पुलिस के सूत्रों ने 'माय नेशन' को बताया कि 33 एनजीओ पर छापेमारी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शेष के खिलाफ कार्रवाई जारी है। 

इन एनजीओ को विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत 2013 से 2016 के बीच 250 करोड़ रुपये की राशि मिली है। 

'माय नेशन' के हाथ लगी सीआईडी रिपोर्ट के अनुसार, इन मिशनरी द्वारा चलाए जाने वाले इन 88  एनजीओ में से शीर्ष 11 को 7.5 करोड़ से 39 करोड़ रुपये के  बीच चंदा मिला। इस सूची में 31वें पायदान पर मौजूद एनजीओ को भी 1.84 करोड़ रुपये से लेकर 7.5 करोड़ रुपये तक विदेशी चंदे से मिले। शेष एनजीओ को 1.84 करोड़ रुपये से कम का चंदा मिला। 

इस रिपोर्ट में 'निजी स्कूल, अस्पताल और शेल्टर होम' चलाने वाले इन एनजीओ पर कई चौंकाने वाले आरोप लगाए गए हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, ये मिशनरी एनजीओ आदिवासी महिलाओं को नर्स के रूप में प्रशिक्षण देकर विदेश भेजते हैं। इसके लिए उन पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डाला जाता है। 

रिपोर्ट कहती है, 'इन मिशनरी संस्थानों में से अधिकतर राज्य के दूरदराज के इलाकों में काम करते हैं और साधारण आदिवासियों का जबरन धर्मांतरण कराते हैं।'

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, 'ये संस्थान सियासी उठापठक और राज्य विरोधी गतिविधियों में भी लिप्त हैं। इनमें से ज्यादातर संस्थान, खासकर मिशनरी एनजीओ एफसीआरए के तहत मिले धन का इस्तेमाल राज्य विरोधी रैलियों औ प्रदर्शनों के लिए करते हैं।' 

झारखंड सरकार के उच्च पदस्थ  सूत्रों के अनुसार, सीआईडी लंबे समय से इन एनजीओ की गतिविधियों से जुड़ी सूचनाएं एकत्रित कर रही थी। यह कवायद एक महीने पहले ही पूरी हो चुकी है। 
 

click me!