मिलिए छोटे वैज्ञानिकों से, कबाड़ के सामान से बनाई खेती की जबरदस्त मशीन

By Team MyNationFirst Published Jul 24, 2019, 6:28 PM IST
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उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में दसवीं के दो छात्रों ने एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे खेत में जुताई, बुवाई और कटाई सब कुछ किया जा सकता है। इन बच्चों ने अपने किसान पिता को खेत में कड़ी मेहनत करते हुए देखकर यह मशीन तैयार की है। 
 

कौशाम्बी. एक निजी कालेज में दसवीं की पढाई करने वाले छात्र पंकज और गौसुल अज़ीम ने मिलकर हार्वेस्टर मशीन का मॉडल तैयार किया है। यह एक हार्वेस्टर मशीन किसान के खेतो में 3 तरह के काम आसानी से कर सकती है। खेतो में खड़ी फसल की कटाई, खेतो की जोताई व बड़ी-बड़ी घास को आसानी ने निकल सकती है। मशीन का मॉडल तैयार करने वालो बच्चो का दावा है, इस  हार्वेस्टर मशीन को सोलर एनर्जी, बैटरी से चलाया जा सकता है। बच्चो के इस मॉडल को जिला स्तर की विज्ञान प्रदर्शनी के पहला स्थान भी मिला है। मॉडल तैयार करने वाले बच्चो का कहना है कि उन्होंने यह मॉडल अपने किसान पिता को खेतो में कड़ी मेहनत करते हुए देखकर तैयार किया है ताकि उनके इस मॉडल को मशीन का रूप देकर किसानो की खेत में लगने वाली मेहनत को कम किया जा सके और खर्च भी कम से कम आये। कबाड़ से जुगाड़ कर बनाये गए हार्वेस्टर मॉडल को देख कालेज टीचर और प्रिंसिपल काफी उत्साहित नज़र आ रहे है |

स्टूडेंट गौसुल अज़ीम व् पंकज कुमार के मुताबिक उन्होंने खेतो में पिता को कड़ी मेहनत को देखकर कुछ नया करने को सोचा था | जिसके कारण दोनों ने मिलकर फसल तैयार करने में लगने वाले मेहनत को कम से कम करने की कोशिस में यह मॉडल तैयार किया है | इस मॉडल में उन्होंने सभी घर में बेकार पड़ी वस्तुओ को लेकर बनाया है | मॉडल में दफ़्ती, बिजली के तार, विक्स की डिबिया, ब्लेड, स्विच, बोर्ड और बैटरी का प्रयोग कर तैयार किया है | मॉडल को तैयार करने में बच्चो 24 घंटे का समय लगा है | इस एक मशीन से किसान अपने खेतो की बड़ी घास, फसल की कटाई व् खेत की जोताई वह कर सकता है | मॉडल को तैयार करने में उनकी मदद उनके साइंस टीचर दिलीप कुमार ने मदद की है |      


टीचर दिलीप कुमार के मुताबिक उन्होंने क्लास रूम में बच्चो को गाइड करते हुए किसानो पर काम करने वाली मशीन तैयार करने की सलाह दी थी | जिसमे बच्चो के एक समय में तीन काम करने वाली मशीन का मॉडल तैयार किया है जिसमे प्लगिंग, ग्रास कटिंग एंड क्रॉप कटिंग हो सकती है | इस मशीन के तैयार होने के बाद फ्यूल के खर्च को कम किया जा सकता है | 

कालेज के प्रिंसिपल आशीष कुमार के मुताबिक उनके कालेज के पंकज कुमार और ग़ौसुल अज़ीम दसवीं के बड़े ही होनहार बच्चे है | कई प्रतियोगिताओ में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे है | इन्होने जो मॉडल तैयार किया है वह जिले की साइंस प्रतियोगिता में पहले स्थान पर रहा है | इन्होने जो मॉडल तैयार किया है वह मल्टी-पर्पज कृषि यंत्र बनाया है | सबसे खास बात यह है कि यह यंत्र मशीन की शक्ल में आने पर प्रदूषण नहीं फैलाएगा | यह पल कालेज के लिए गर्ववान्वित करने वाला पल है | 

कबाड़ से जुगाड़ कर बनाया गया फार्मिंग हार्वेस्टर यंत्र आज भले ही इन होनहार युवा विज्ञानियों की कल्पना से निकला एक मॉडल की शक्ल में हो, लेकिन जिन भी दिन यह मशीन का रूप लेकर किसान के खेतो में चलेगा उस दिन इन ग़ौसुल और पंकज की छोटी सी कल्पना किसानो के खेतो में फसल को तैयार करने में लगने वाली लागत को कम कर देगी | इतना ही नहीं मॉडल के बारे में जैसा कि स्टूडेंट ने दावा किया है कि यह सूरज की ऊर्जा और बैटरी से चलेगा तो फिर ऐसे में पर्यावरण को भी पेट्रोल और डीजल से खतरनाक गैसों से मुक्ति मिल सकेगी |

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