कर्नाटक सरकार देगी विधायकों को मिलेगा न्यू ईयर का ‘गिफ्ट’

By Team MyNation  |  First Published Dec 18, 2019, 6:35 AM IST

माना जा रहा है कि इस महीने के अंत में राज्य में कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। यानी नए साल की शुरूआत में उपचुनाव जीतने वाले विधायकों को नए साल का गिफ्ट मिलेगा। असल में राज्य में हुए उपचुनाव में भाजपा ने 12 सीटों पर जीत हासिल की है। इससे राज्य की भाजपा सरकार को अब कोई खतरा नहीं है।

नई दिल्ली। कर्नाटक की भाजपा सरकार का इस महीने के अंत तक कैबिनेट विस्तार हो सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा वह राज्य में कैबिनेट विस्तार के लिए आलाकमान से मंजूरी लेने के लिए दिल्ली जाएंगे और उसके बाद कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव जीतने वाले विधायकों को कैबिनेट में जगह दी जाएगी।

माना जा रहा है कि इस महीने के अंत में राज्य में कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। यानी नए साल की शुरूआत में उपचुनाव जीतने वाले विधायकों को नए साल का गिफ्ट मिलेगा। असल में राज्य में हुए उपचुनाव में भाजपा ने 12 सीटों पर जीत हासिल की है। इससे राज्य की भाजपा सरकार को अब कोई खतरा नहीं है। क्योंकि इन विधायकों के जीतने से सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या बढ़ गई है। फिलहाल राज्य के सीएम बीएस येदियुरप्पा अपने दूसरे कैबिनेट विस्तार की तैयारियों को अंजाम देने की तैयारी में में जुटे हैं।

माना जा रहा कि राज्य में किसीए एक मंत्री को हरियाणा की तर्ज पर उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और इसमें राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बी श्रीरामुलूका नाम सबसे आगे चल रहा है। हालांकि येदियुरप्पा ने कहा कि उपचुनाव में जीते विधायकों को ही कैबिनेट विस्तार में ही जगह दी जाएगी और इसके अलावा किसी को भी इसमें जगह नहीं दी जाएगी। फिलहाल कैबिनेट विस्तार की अनुमति और नामों को लेकर वह दिल्ली में जाएंगे और वहां से नामों पर मुहर लगने के बाद कैबिनेट विस्तार किया जाएगा।

फिलहाल में राज्य में 34 मंत्री हो सकते हैं। इसमें से 18 मंत्री के पद भरे जा चुके हैं। हालांकि राज्य सरकार के कई मंत्री खुद को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। हालांकि इस पर आलाकमान तय करेगा कि किसे उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य में इस साल जुलाई बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई में भाजपा की सरकार बनी थी। राज्य में कुमारस्वामी की अगुवाई वाली जेडीए और कांग्रेस सरकार विधायकों के बगावत के कारण गिर गई थी और इसके बाद कुमारस्वामी विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर सके। जिसके बाद भाजपा ने सरकार बनाई।

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