संघ नेताओं का हत्यारा खालिस्तान आतंकी 'हैप्पी पीएचडी' लाहौर में ढेर

By Team MyNation  |  First Published Jan 28, 2020, 11:19 AM IST

जानकारी के मुताबिक हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी हैप्पी भारत में कई मामलों में वांछित था, और पाकिस्तान से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में शामिल था। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, नशीले पदार्थों की तस्करी से उपजे पैसे के विवाद को लेकर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के इस नेता को पाकिस्तान के एक स्थानीय गिरोह ने मार गिराया है।

चंडीगढ़। पंजाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को नेताओं का हत्यारा खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह लाहौर मारा गया है। लाहौर के गुरुद्वारे के पास पैसों के बंटवारे को लेकर दूसरे गुट ने उसे मार दिया। हैप्पी 2016-2017 में पंजाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं की हत्याओं में था और पुलिस को उसकी तलाश थी। लेकिन वह पंजाब से भाग गया था और पाकिस्तान में शरण लिए हुए था। वह हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के कई मामलों में शामिल था। खुफिया एजेंसियों ने उसके मारे जाने के बाद राहत की सांस ली है।

जानकारी के मुताबिक हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी हैप्पी भारत में कई मामलों में वांछित था, और पाकिस्तान से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में शामिल था। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, नशीले पदार्थों की तस्करी से उपजे पैसे के विवाद को लेकर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के इस नेता को पाकिस्तान के एक स्थानीय गिरोह ने मार गिराया है। हरमीत सिंह ने 2016-2017 में पंजाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं की हत्या की थी।

इसके जरिए वह राज्य में हिंदूओें को बाहर करना चाहता था और राज्य में खालिस्तान के आतंकियों को मजबूत करना चाहता था। इसके लिए हैप्पी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भी मदद की थी। असल में राज्य में संघ के नेता की हत्या का मकसद हिंदूओं को डराना था। लेकिन हैप्पी को पाकिस्तान में उसके आकाओ के गुर्गों ने ही लाहौर के डेरा चहल गुरुद्वारे के पास मार गिराया है।  हैप्पी पढ़ाई में काफी तेज था और उसने पीएचडी की  थी और उसे डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली थी। वह कईसालों से पाकिस्तान में रह रहा था।

 इंटरपोल ने विभिन्न देशों में स्थित कम से कम आठ खालिस्तान से जुड़े आतंकवादियों के खिलाफ "रेड नोटिस" जारी किया था और इसमें ​​“हैप्पी पीएचडी”, भी है। हैप्पी पंजाब के निरंकारी भवन में एक प्रार्थना सभा में  ग्रेनेड हमले का भी संदिग्ध था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे।
 

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