सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राफेल मामले में किसी तरह के भ्रष्टाचार की संभावनाओं को इनकार किया है. इसके बावजूद राजनीतिक रैलियों और मीडिया पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि राफेल मामले में प्रधानमंत्री ने कारोबारी को निजी फायदा पहुंचाने की कोशिश की.
राहुल गांधी मानहानि मामला में सुनवाई के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आपत्तिजनक बयान पर खेद जताया है. राजनीति के लिए बेहद अहम इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच सुनवाई कर रही है.
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपराधिक मानहानी का मामला दर्ज था. राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला बीजेपी नेता और अधिवक्ता मीनाक्षी लेखी ने दर्ज कराया था.
लेखी ने कोर्ट से अपील किया था कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी राहुल गांधी ने कई बार प्रधानमंत्री चोर है का बयान दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राफेल मामले में किसी तरह के भ्रष्टाचार की संभावनाओं को इनकार किया है. इसके बावजूद राजनीतिक रैलियों और मीडिया पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि राफेल मामले में प्रधानमंत्री ने कारोबारी को निजी फायदा पहुंचाने की कोशिश की.
अब सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी अपने बयानों के लिए खेद जता रहे हैं। जानें इस खेद के 5 मायनें
1. राफेल पर बोला झूठ
राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में खेद जताकर माना है कि वह राफेल डील पर आरोप राजनीति से प्रेरित होकर लगा रहे थे. उन्होंने बिना किसी आधार के केन्द्र सरकार की सुरक्षा डील पर सवाल उठाया.
2. मैं झूठा
राहुल गांधी ने अपने खेद से माना कि वह राफेल मामले में अभी तक झूठ बोल रहे थे. उनके पास ऐसा आरोप लगाने का कोई आधार नहीं था. विरोध के पूरे मामले में सच्चाई सिर्फ इतनी थी कि वह झूठ बोल रहे थे.
3. बार-बार बोला झूठ
सर्वोच्च अदालत में राहुल गांधी के बयान का मतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मान रहे हैं कि बीते एक साल से लंबे समय से वह राफेल का मामला उठाते हुए बार-बार झूठ बोल रहे हैं. एक साल से अधिक समय से राहुल गांधी कभी फर्जी दस्तावेज, कभी चोरी के गोपनीय दस्तावेज या फिर सीधे राफेल डील में चोरी होने का खोखला दावा कर रहे थे. राहुल गांधी ने यह काम न सिर्फ देश में घूमघूम कर कही बल्कि विदेश यात्राओं पर भी कही.
4. सुप्रीम कोर्ट का अपमान किया
राहुल गांधी की इस माफी का मतलब है कि उन्होंने यह मान लिया है कि उनसे देश की सर्वोच्च अदालत का अपमान हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णायक फैसले के बाद भी वह लगातार राफेल पर झूठा बयान देते रहे. लिहाजा, अब जब कोर्ट में वह खेद जता रहे हैं तो जाहिर है कि वह मान रहे हैं उनसे कोर्ट का अपमान हुआ है.
5. देश को गमुराह किया
देश में लोकसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने बीते एक साल के दौरान राफेल मामले पर झूठे आरोप मढ़ते हुए राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की. राहुल गांधी ने हाशिए पर बैठी कांग्रेस पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए झूठ का सहारा लिया और देश को राष्ट्रीय सुरक्षा के अहम मुद्दों पर गुमराह करने की कोशिश की.