जानें क्यों महाराष्ट्र के विधायक राजस्थान में कर रहे हैं मस्ती

By Team MyNation  |  First Published Nov 10, 2019, 11:29 AM IST

राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए। जबकि भाजपा के पास महज 105 विधायक हैं। इसके साथ ही कुछ निर्दलीय विधायक भाजपा का साथ दे रहे हैं। लेकिन भाजपा को सरकार बनाने के न्योते के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और एनसीपी डरी हुई हैं। हालांकि ये डर शिवसेना में भी देखा जा रहा है। लिहाजा शिवसेनना ने अपने विधायकों को होटल में ही रखा है।

मुंबई। महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़े दल होने के नाते भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दे दिया है। भाजपा को 11 नवंबर तक सदन में बहुमत साबित करना है। लेकिन भाजपा के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। लिहाजा अन्य दल भाजपा के ऑपरेशन लोटस से डरे हुए हैं। इसी डर के कारण कर्नाटक में सत्ता गंवानी वाली कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को राजस्थान भेज दिया है। ताकि भाजपा उनके विधायकों में सेंध न लगा सके।

राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए। जबकि भाजपा के पास महज 105 विधायक हैं। इसके साथ ही कुछ निर्दलीय विधायक भाजपा का साथ दे रहे हैं। लेकिन भाजपा को सरकार बनाने के न्योते के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और एनसीपी डरी हुई हैं। हालांकि ये डर शिवसेना में भी देखा जा रहा है। लिहाजा शिवसेनना ने अपने विधायकों को होटल में ही रखा है। हालांकि शुक्रवार को खबर आ रही थी कि शिवसेना अपने विधायकों को जयपुर या राजस्थान के किसी शहर में शिफ्ट करने में पर विचार कर रही है। इसके लिए होटल के बाहर दो लक्जरी बसों को भी खड़ा किया गया है।

लेकिन शिवसेना विधायक राजस्थान नहीं पहुंचे। हालांकि कांग्रेस ने अपने विधायकों को कांग्रेस शासन वाले राजस्तान में सुरक्षित पहुंचा दिया है। असल में कांग्रेस भाजपा के कर्नाटक में शुरू किए गए ऑपरेशन लोटस से डरी हुई है। उसे लगता है कि भाजपा कांग्रेस के विधायकों को तोड़ सकती है। वहीं एनसीपी को भी यही डर सता रहा है। हालांकि राज्य में राजनैतिक स्थितियां लगातार बदल रही हैं। अभी तक विपक्ष में बैठने का जनादेश की बात करने वाली एनसीपी राज्य में शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए आतुर दिख रही है।

एनसीपी की तरफ से कई तरह के बयान आ रहे हैं। जिसमें उसके नेता कह रहे हैं कि अगर भाजपा राज्य में सरकार बनाने में विफल रहती है तो वह शिवसेना और कांग्रेस के साथ सरकार बना सकती हैं। हालांकि एनसीपी ने साफ कर दिया है कि वह सशर्त समर्थन देगी।
 

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