जानें कैसे एक बारिश ने बदल दिया महाराष्ट्र का राजनैतिक समीकरण और पवार बन गए गेम चेंजर

असल में मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक महाराष्ट्र में चुनाव से पहले खुफिया एजेंसियों ने सत्ताधारी भाजपा को एक रिपोर्ट दी थी। जिसमें भाजपा के अकेले चुनाव लड़ने पर उसे 150 सीटें मिलने की संभावना बता थी। हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ा था और उसे 122 सीटें मिली थी जबकि शिवसेना को 63 सीटें मिली थी। इसके बाद दोनों दलों ने राज्य में सरकार बनाई।

Learn how rain changed Maharashtra's political equation and Pawar become game changer

मुबंई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर पिछले एक महीने से चला राजनैतिक ड्रामा बुधवार को खत्म हो गया है। राज्य में शिवसेना ने प्रमुख उद्धव ठाकरे आज मुख्यमंत्री की शपथ ले रहे हैं। जबकि भाजपा अब विपक्ष में बैठेगी। लेकिन क्या आपको मालूम में है कि एक बारिश ने पूरे महाराष्ट्र का राजनैतिक समीकरण बदल दिया और इस बारिश ने ने केवल समीकरण बदला बल्कि हाशिए पर जा रही एनसीपी और उसके मुखिया शरद पवार को गेमचेंचर बना दिया।

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असल में मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक महाराष्ट्र में चुनाव से पहले खुफिया एजेंसियों ने सत्ताधारी भाजपा को एक रिपोर्ट दी थी। जिसमें भाजपा के अकेले चुनाव लड़ने पर उसे 150 सीटें मिलने की संभावना बता थी। हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ा था और उसे 122 सीटें मिली थी जबकि शिवसेना को 63 सीटें मिली थी। इसके बाद दोनों दलों ने राज्य में सरकार बनाई। हालांकि भाजपा के रणनीतिकारों को लगा कि अगर भाजपा अकेले चुनाव लड़ती है तो उसे पिछले साल की तुलना में ज्यादा सीटें मिल सकती है।

लिहाजा चुनाव से पहले सीटों को बंटवारों को लेकर शिवसेना और भाजपा में काफी तनातनी रही और शिवसेवा 50-50 सीटों के फार्मूले पर अड़ी रही। वहीं राज्य में कांग्रेस और एनसीपी में नेतृत्व की कमी के कारण ज्यादातर नेता पार्टी से अलविदा कह रहे थे। जिसके कारण भाजपा और शिवसेना मजबूत हो रही था। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में मुताबिक महाराष्ट्र में आई भीषण बारिश ने राज्य का राजनैतिक समीकरण बदल दिया। क्योंकि इस बारिश में शरद पवार ने एक किसानों को लेकर बयान दिया था और ये बयान पवार ने भीगते हुए था।

जिसको लेकर महाराष्ट्र में किसानों का रूख बदल गया और वह एनसीपी के समर्थन में आ गए। हालांकि  केन्द्र में दस साल तक कृषि मंत्री रहने का भी फायदा पवार को मिला। जानकारों के मुताबिक महाराष्ट्र में किसानों ने एनसीपी के पक्ष में ज्यादा वोट दिया। लिहाजा इस बार उसकी सीटों में इजाफा हुआ। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक चुनाव से पहले एनसीपी और कांग्रेस को लेकर जनता काफी नकारात्मक थी और माना जा रहा था कि दोनों दलों का गठबंधन राज्य  में महज 50-60 सीटों पर जीत दर्ज करेगा।

लिहाजा कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेताओं राज्य में चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर रखी। यहां तक प्रियंका गांधी ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार ही नहीं किया। जबकि सोनिया और राहुल गांधी ने बहुत कम प्रचार किया। इसके बावजूद गठबंधन को 98 सीटें मिली। 

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