जानें क्यों छोटे शहरों में ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए मालामाल हो रही हैं ई-कामर्स कंपनियां

By Team MyNationFirst Published Oct 14, 2019, 7:15 PM IST
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ई-कामर्स कंपनिनयों के कारोबार में इस त्योहारी सीजन में दोगुना इजाफा होने की उम्मीद की जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण छोटे और मझौले शहरों में कारोबार में इजाफा होना है। बाजार के जानकार कहते हैं कि छोटे शहरों में सस्ती कीमत पर उत्पाद मिलने के कारण उपभोक्ताओं का रूझान बढ़ा है।

नई दिल्ली। ऑनलाइन कंपनियां छोटे शहरों की बदौलत मालामाल हो रही हैं। क्योंकि बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। बाजार के जानकारों का कहना है कि इस साल त्योहारी सीजन में छोटे शहरों में कारोबार दोगुना हो जाएगा। क्योंकि छोटे शहरों में ग्राहकों को सस्ती कीमत पर उत्पाद मिल रहे हैं।

ई-कामर्स कंपनिनयों के कारोबार में इस त्योहारी सीजन में दोगुना इजाफा होने की उम्मीद की जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण छोटे और मझौले शहरों में कारोबार में इजाफा होना है। बाजार के जानकार कहते हैं कि छोटे शहरों में सस्ती कीमत पर उत्पाद मिलने के कारण उपभोक्ताओं का रूझान बढ़ा है। जबकि बड़े शहरों में ग्रोथ उतनी नहीं है। इस त्योहारी सीजन में 2018 की तुलना में दो गुना इजाफा होने की उम्मीद की जा रही है।

ई कामर्स कंपनियों का कहना है कि 2019 के इस सीजन के दौरान मझोले तथा छोटे शहरों से अधिक आर्डर आ रहे हैं। डीलर टू कस्टमर कारोबारियों के कारोबार में त्योहारी सीजन में दो गुना इजाफा होने की उम्मीद है। कंपनियों का कहना है छोटे शहरों में खासतौर से सौंदर्य तथा स्वास्य उत्पाद और कपड़ों के बाजार में सबसे ज्यादा रूझान देखा गया है। क्योंकि परंपरागत बाजार की तुलना में ई कामर्स कंपनियों के उत्पादों की कीमत कम है। जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिल रहा है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में भी वृद्धि देखी जा रही है।

खासतौर से मोबाइल की बिक्री सबसे ज्यादा हो रही है। बाजार के जानकार कहते हैं कि ई-मार्केटप्लेस में बिक्री औसतन 30 से 50 फीसद तक बढ़ने की संभावना है। मझोले और छोटे शहरों में घरेलू उपकरणों की बिक्री में अपेक्षा से अधिक की वृद्धि देखी जा रही है। उनका कहना है कि ई-कामर्स बाजार को अब मझोले व छोटे शहरों से ग्राहक मिलने लगे हैं। जो इस बाजार के लिए शुभ संकेत हैं। क्योंकि बड़े शहरों में कारोबार अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। लिहाजा इन शहरों में ग्रोथ की उम्मीद कम ही है।


 

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