जानें क्यों गर्मायी ‘हिंदू मुशायरे’ से यूपी की सियायत

By Team MyNationFirst Published Feb 14, 2019, 10:16 AM IST
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दो दिन पहले मुस्लिम से जुड़े कई राजनैतिक संगठनों ने एएमयू में सम्मेलन बुलाया था। जिसमें एआईएमएम के प्रमुख औवेसी को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन वह नहीं आए। जबकि उनके शामिल होने की खबर छात्रों को मिली उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में तनाव व्याप्त है। अकसर विवादों में रहने वाला विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है और इसके कारण तनाव बना हुआ है। अब ताजा मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने वहां हो रहे हिंदू मुशायरे पर रोक लगा थी। एएमयू में हालिया मामले से राज्य की सियायत गर्मा गयी है। सपा और बसपा ने राज्य सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

दो दिन पहले मुस्लिम से जुड़े कई राजनैतिक संगठनों ने एएमयू में सम्मेलन बुलाया था। जिसमें एआईएमएम के प्रमुख औवेसी को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन वह नहीं आए। जबकि उनके शामिल होने की खबर छात्रों को मिली उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद छात्रों के दो गुटों में मारपीट हो गयी। इस दौरान वहां पर देशविरोधी नारे लगाए जाने की खबरें भी आ रही हैं।

विश्वविद्यालय में मारपीट की घटना के बाद कई छात्रों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कराया गया। वहीं सांस्कृतिक संगठनों ने आज वहां हिंदू मुशायरे का आयोजन किया था। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने तनाव को देखते हुए इस पर रोक लगा दी। वहीं छात्रसंघ पदाधिकारियों व अन्य छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर छात्रों ने बाबे सैयद गैट पर धरना शुरु कर दिया है। छात्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को निरस्त कर दूसरे पक्ष के छात्रों को एएमयू से निष्कासन की मांग कर रहे हैं। साथ ही इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं।

विश्वविद्याल में बवाल के बाद भाजुयमो के जिलाध्यक्ष की तहरीर पर एएमयू छात्र संघ के पदाधिकारियों समेत 15 छात्रों पर देशद्रोह की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इन लोगों पर जानलेवा हमला, देशद्रोह, मारपीट व बलवे की धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। हालांकि जिला प्रशासन ने एएमयू प्रशासन के बैठक कर 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। उधर भाजपा नेताओं ने मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखकर एएमयू प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने और कैंपस में पुलिस थाना स्थापित करने के साथ सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सौंपने की मांग की है। 
 

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